कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर दीप प्रज्वलन करते हुए नराकास के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु
प्रतिभागियों को अध्यक्ष महोदय का संबोधन
प्रतिभागी
प्रतिभागी
समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री सी.एन. रवींद्रनाथ जी
सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशाला सुसंपन्न
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर के सदस्य कार्यालयों के पदधारियों के प्रशिक्षण हेतु आयोजित सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशाला का आज दि. 2 सितंबर, 2009 की सुबह 10 बजे शुभारंभ हुआ । भारत संचार निगम लिमिटेड के साई बाबा कालोनी स्थित सम्मेलन कक्ष में श्री बी.एस.वी. शर्मा, अध्यक्ष, नराकास, कोयंबत्तूर एवं क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ औपचारिक उद्घाटन किया गया । उद्घाटन कार्यक्रम में समिति के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने अतिथियों का स्वागत किया एवं कार्यशाला की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला । श्री शर्मा जी ने अपने वक्तव्य में कहा आज सूचना प्रद्योगिकी का इतना विकास हो चुका है कि वह हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है । हिंदी भाषा के लिए यूनिकोड का प्रयोग करते हुए हम राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में भी प्रगति हासिल कर सकते हैं । ई-मेल, वेबसाइट आदि के लिए भी हिंदी का प्रयोग आज बहुत आसान है । ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से सीखने सुअवसर जो प्राप्त होता है, उसका सदुपयोग करें तथा राजभाषा के विकास में अपना योगदान दें ।
समिति के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने अपने वक्तव्य में कहा कि कंप्यूटर एवं इंटरनेट के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है । भाषाई कंप्यूटिंग के लिए कई साधन आन-लाइन एवं ऑफ-लाइन में भी उपलब्ध हैं । ऐसे साधनों की जानकारी एवं प्रयोग की चेतना बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभागी यूनिकोड का प्रयोग एवं अनुवाद औजारों के इस्तेमाल का कौशल हासिल कर सकते हैं ।
इस कार्यशाला में कुल अठारह पदधारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । भाषाई कंप्यूटिंग के लिए उपलब्ध संसाधनों तथा यूनिकोड प्रयोग के महत्व के संबंध में डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने तथा डाटाबेसेज के संबंध में श्री संदीप कुमार ने पवरपाइंट प्रस्तुति के माध्यम से व्याख्यान दिए । समापन सत्र में श्री सी.ए. रवींद्रनाथ, संयुक्त निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, कोयंबत्तूर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी सीखना बहुत आसान है । सूचना प्रौद्योगिकी का जो ज्ञान हिंदी कार्यशाला में अर्जित किया है, उसका सदुपयोग करते हुए राजभाषा कार्यान्वयन में विशिष्ट प्रगति हासिल की जा सकती है । प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाओं एवं प्रमाणपत्र वितरण एवं राष्ट्रगान के आलाप के साथ ही कार्यशाला सुसंपन्न हुई ।
समिति के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने अपने वक्तव्य में कहा कि कंप्यूटर एवं इंटरनेट के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है । भाषाई कंप्यूटिंग के लिए कई साधन आन-लाइन एवं ऑफ-लाइन में भी उपलब्ध हैं । ऐसे साधनों की जानकारी एवं प्रयोग की चेतना बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभागी यूनिकोड का प्रयोग एवं अनुवाद औजारों के इस्तेमाल का कौशल हासिल कर सकते हैं ।
इस कार्यशाला में कुल अठारह पदधारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । भाषाई कंप्यूटिंग के लिए उपलब्ध संसाधनों तथा यूनिकोड प्रयोग के महत्व के संबंध में डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने तथा डाटाबेसेज के संबंध में श्री संदीप कुमार ने पवरपाइंट प्रस्तुति के माध्यम से व्याख्यान दिए । समापन सत्र में श्री सी.ए. रवींद्रनाथ, संयुक्त निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, कोयंबत्तूर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी सीखना बहुत आसान है । सूचना प्रौद्योगिकी का जो ज्ञान हिंदी कार्यशाला में अर्जित किया है, उसका सदुपयोग करते हुए राजभाषा कार्यान्वयन में विशिष्ट प्रगति हासिल की जा सकती है । प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाओं एवं प्रमाणपत्र वितरण एवं राष्ट्रगान के आलाप के साथ ही कार्यशाला सुसंपन्न हुई ।
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