Wednesday, December 29, 2010
29 दिसंबर, 2010 को अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह सुसंपन्न
2. बैठक का शुभारंभ प्रार्थना गीत से हुआ । समिति के सदस्य-सचिव एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पूर्व सहायक निदेशक (राजभाषा) एवं वर्तमान में पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में कार्यरत डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने सभी अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत किया और समिति की गतिविधियों का परिचय दिया । तदुपरांत बैठक में पधारे विभिन्न कार्यालयों के प्रधान, वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रतिनिधियों ने अपना परिचय दिया ।
3. समिति के अध्यक्ष श्री वर्गीस एम.पी., जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि
राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देना हम सबका दायित्व है । हमारे इस दायित्व की पूर्ति की दिशा में आनेवाली कठिनाइयों के संबंध में आपसी विचार-विमर्श ज़रूरी है ।
सभी कार्यालयों के प्रधान आपस में मिल-बैठकर चर्चा करने के लिए एक संयुक्त मंच के रूप में नगर राजभाषा कार्यान्वन समिति की विशिष्ट भूमिका है । यह समिति एक सांविधिक समिति भी है । राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी लक्ष्यों को हासिल करने हेतु कारगर उपायों पर विचार करने का अवसर हमें समिति की बैठकों में मिलता है ।
कोयंबत्तूर नराकास अपने उद्देश्यों एवं कार्यों में काफ़ी सक्रिय है । यह समिति राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में सामयिक चेतना के साथ गतिशील है ।
समिति के सदस्य-कार्यालयों के उपयोगार्थ सदस्य-सचिव डॉ. बाबु द्वारा बनाई गई राजभाषा साधन सी.डी. (A Compact Disc of Official Language Resources) के द्वारा कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा मिला है । सरकारी कार्यों में कंप्यूटरों का बढ़-चढ़कर प्रयोग किया जा रहा है ।
समिति के द्वारा आयोजित सूचना-प्रौद्योगिकी कार्यशालाओं के कई अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं । समिति के सचिवालय को अब ई-मेल हिंदी में भी मिलने लगे हैं ।
अपने वक्तव्य के अंत में अध्यक्ष महोदय ने सभी कार्यालय प्रधानों तथा उपस्थित सभी प्रतिनिधियों को नव वर्ष की अग्रिम शुभकामनाएँ दीं ।
4 अक्तूबर को समिति द्वारा आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी काफ़ी उपयोगी रहा है । कई विद्वानों ने अपने विद्वत्तापूर्ण प्रपत्रों के माध्यम से दक्षिण में हिंदी की स्थिति, गति, एवं प्रगति का गरिमामय चित्र प्रस्तुत किया है । संगोष्ठी में प्रस्तुत महत्वपूर्ण शोध लेखों को संपादित करके एक स्मारिका का प्रकाशन डॉ. सी. जय शंकर बाबु से संपादन में प्रकाशित किया जाएगा ।
कोयंबत्तूर 100 से अधिक केंद्र सरकारी कार्यालय एवं उपक्रम हैं । इनमें से केवल 15 कार्यालयों में ही हिंदी अधिकारी या हिंदी स्टॉफ तैनात हैं । बाकी कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन कार्य को देखने के लिए अवश्यक व्यवस्था की जरूरत है । मैं आप सबसे अनुरोध करता हूँ कि राजभाषा कार्यान्वयन को सुव्यवस्थित रूप में सुनिश्चित करने के लिए अपने-अपने कार्यालयों में हिंदी संपर्क अधिकारियों तथा हिंदी समन्वयकों की व्यवस्था कर लीजिए ।
कोयंबत्तूर में हिंदी शिक्षण योजना के सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत को ध्यान में रखते हुए उप निदेशक, हिंदी शिक्षण योजना को पत्र लिखा जा चुका है । यहाँ दो प्राध्यापक यहाँ कार्यरत है, मगर यहाँ प्रशिक्षण की माँग को देखते हुए अतिरिक्त प्राध्यापकों की तैनाती की जरूरत है ।
कोयंबत्तूर में हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण केंद्र शहर में किसी अनुकूल जगह पर स्थानांतरित करने की जरूरत है ।
4. सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने बताया कि हर छमाही में संपन्न होनेवाली समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठकों में सरकारी कार्यालय, उपक्रमों के प्रधानों का उपस्थित होना तथा समीक्षार्थ राजभाषा कार्यान्वयन की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट समिति को समय पर प्रस्तुत करना आवश्यक है । अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित कैलेंडर के अनुसार अंतिम तिथियों की सूचना देते हुए उन्होंने बताया कि 31 मार्च को समाप्त छमाही की रिपोर्ट 20 अप्रैल तक तथा 30 सितंबर को समाप्त छमाही की रिपोर्ट 20 अक्तूबर तक नराकास कार्यालय को भेजी जानी चाहिए । सदस्य कार्यालयों में प्रयोग में लाए जा रहे सभी कंप्यूटरों में हिंदी के लिए यूनिकोड का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए । सभी पदधारियों को कंप्यूटर पर हिंदी प्रयोग में अवश्य प्रशिक्षण दिलवाया जाए । कंप्यूटर पर अधिकांश द्विभाषी मानक मसौदें बनवाकर उनका प्रयोग सुनिश्चित करते हुए निर्धारित लक्ष्य हासिल करने का प्रयास किया जा सकता है ।
तत्पश्चात बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार मदवार कार्यवाही आरंभ हुई ।
6. पिछली बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि – समिति ने दिनांक 6-7-2010 को संपन्न बैठक के कार्यवृत्त की सर्वसम्मति से पुष्टि की ।
7. सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा – बैठक में उपस्थित राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि डॉ. वी. बालकृष्णन, उप निदेशक (कार्यान्वयन) ने समीक्षा के दौरान अपने वक्तव्य में कहा कि-
· नराकास सदस्य कार्यालयों के वरिष्ठतम अधिकारियों की उपस्थिति महत्वपूर्ण है । यह अन्य नराकासों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण है ।
· नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति और समिति की बैठकों के उद्देश्य अलग-अलग हैं । अर्द्ध-वार्षिक बैठकों के मुख्य उद्देश्य छमाही के दौरान सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना और भविष्य की कार्य योजनाओं की चर्चा करना ।
· सदस्य कार्यालयों से प्राप्त छमाही राजभाषा प्रगति रिपोर्ट के आधार पर ही समीक्षा की जाती है । अतः यह जरूरी है कि तथ्यात्मक आंकडों विधिवत भरी गई अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट बैठक से पूर्व, निर्धारित समय सीमा तक समिति के सचिवालय में पहुँच जाना चाहिए ।
उप निदेशक (कार्यान्वयन) के उद्बोधन के दौरान कार्यसूची की मदों के अनुसार जिन मुद्दों की चर्चा की गई, उनका सारांश इस प्रकार है -
(i) हिंदी भाषा प्रशिक्षण – सभी कार्यालयों के प्रधान यह सुनिश्चित कर लें कि अपने कार्यालय में हिंदी भाषा प्रशिक्षण के लिए शेष पदधारियों को चरणबद्ध कार्यक्रम बनाकर तदनुसार प्रशिक्षण दिलवाया जाए ।
(ii) हिंदी भाषा टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण - हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण जिन पदधारियों के लिए जरूरी है, उन्हें प्रशिक्षण हेतु नामित किया जाना सुनिश्चित किया जाए ।
(iii) कंप्यूटरों में हिंदी का प्रयोग – राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग बढ़ाया जाए ।
(iv) धारा 3(iii) का अनुपालन – सभी कार्यालयों में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(iii) में निर्धारित सभी 14 प्रकार के दस्तावेज द्विभाषी रूप में जारी करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
(v) पत्राचार – राजभाषा विभाग द्वारा वार्षिक कार्यक्रम में ‘ग’ क्षेत्र में पत्राचार के लिए निर्धारित लक्ष्य 55 प्रतिशत हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
(vi) नियम 5 का अनुपालन – राजभाषा नियम, 1976 के नियम-5 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु हिंदी में प्राप्त पत्रों का जवाब हिंदी में दिया जाना सुनिश्चित किया जाए ।
(vii) नियम 11 का अनुपालन – राजभाषा नियम, 1976 के नियम-11 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सभी रबड़ मुहरें तथा कार्यालय के नामपट्ट, सूचना पट्ट आदि नियमानुसार द्विभाषी / त्रिभाषी रूप में बनवाना सुनिश्चित किया जाए ।
(viii) वार्षिक कार्यक्रम की चर्चा – राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों की जानकारी सदस्यों को दी गई तथा सभी लक्ष्य हासिल करने का अनुरोध किया गया ।
(ix) पत्रिका का प्रकाशन - समिति की पत्रिका को यथाशीघ्र प्रकाशित करने हेतु सदस्य-कार्यालयों के प्रधानों से अनुरोध किया गया कि वे अपने कार्यालय / संस्थान का परिचय सहित राजभाषा कार्यान्वयन की गतिविधियों से संबंधित सचित्र जानकारी, मौलिक रचनाएँ तथा कार्यालय, संस्थान आदि अपने विभागीय गतिविधियों से संबधित रिपोर्ट भी यथाशीघ्र भेजें ।
(xi) सदस्य-निर्देशिका का प्रकाशन – नराकास सदस्य-निर्देशिका के प्रकाशन के लिए अपेक्षित सूचना तुरंत उपलब्ध कराने का अनुरोध सभी कार्यालयों के प्रधानों से किया गया ।
हिंदी दिवस का आयोजन
वर्ष 2010-11 में राजभाषा कार्यान्वयन में उत्कृष्ट कार्यनिष्पादन के लिए सरकारी कार्यालयों तथा उपक्रमों को राजभाषा वार्षिक शीर्ड पुरस्कारों तथा प्रशस्तिपत्रों का वितरण समिति के अध्यक्ष श्री वर्गीस एम.पी. तथा राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि डॉ. वी. बालकृष्णन के करकमलों से किया गया ।
हिंदी पखवाड़ा – 2011 के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजाताओं को समिति के अध्यक्ष श्री वर्गीस एम.पी., राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि डॉ. वी. बालकृष्णन तथा समिति के सदस्य-कार्यालयों के अध्यक्षों तथा वरिष्ठ अधिकारियों के करकमलों से पुरस्कार वितरण किया गया ।
नए सदस्य-सचिव का चयन
समिति के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु पांडिच्चेरी विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफ़ेसर के रूप में तैनाती होने के कारण नए सदस्य-सचिव के चयन के लिए की गई विस्तृत चर्चा के उपरांत इस बात पर सर्वसम्मति से सहमति जताई गई कि नगर स्थिति सरकारी कार्यालयों में वरिष्ठतम सहायक निदेशक (राजभाषा) को यह दायित्व संभालन चाहिए अतः श्रीमती विजयलक्ष्मी माधवन, सहायक निदेशक (राजभाषा), आयकर कार्यलय को सदस्य-सचिव के रूप में नामित किया गया । श्रीमती विजयलक्ष्मी माधवन ने बताया कि वैयक्तिक कारणों से यह दायित्व नहीं संभाल सकती, अतः समिति की अगली बैठक तक उन्हें यह दायित्व सौंपने का निर्णय लिया गया । नए सदस्य-सचिव को औरचारिक रूप में बैठक के दौरान ही दायित्व सौंप दिया गया ।
अंत में सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ ही बैठक सुसंपन्न हुई।
Monday, December 27, 2010
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक 29 दिसंबर को
Half-Yearly Meeting of the Town Official Language Implementation Committee, Coimbatore will be held on 29th December 2010
Tuesday, July 6, 2010
दि. 6.7.2010 को संपन्न अर्द्ध-वार्षिक बैठक का कार्यवृत्त
TOWN OFFICIAL LANGUAGE IMPLEMENTATION COMMITTEE, COIMBATORE
दि. 6.7.2010 को संपन्न अर्द्ध-वार्षिक बैठक का कार्यवृत्त
कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक दि.1 जुलाई, 2010 को सुसंपन्न हुई । बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने की । डॉ. वी. बालकृष्णन, उप निदेशक (कार्यान्वयन), क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (दक्षिण पश्चिम), कोचिन बैठक में राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे ।
2. बैठक का शुभारंभ श्रीमती के. शुभश्री के प्रार्थना गीत से हुआ । समिति के सदस्य-सचिव एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सहायक निदेशक (राजभाषा) डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने सभी अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत किया और समिति की गतिविधियों का परिचय दिया । तदुपरांत बैठक में पधारे विभिन्न कार्यालयों के प्रधान, वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रतिनिधियों ने अपना परिचय दिया ।
3. समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि
कार्यालय प्रधान अपने कार्यालय मे राजभाषा कार्यान्वयन की ओर उचित ध्यान दें और अपने स्टॉफ को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें, इससे निर्धारित लक्ष्य हासिल करना बहुत ही आसान है ।
प्रत्येक तिमारी में कार्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित की जाए तथा एक कार्यशाला भी आयोजित की जाए ।
कार्यालय के समस्त बोर्ड, नामपट्ट, रबड़ मुहरें, पत्रशीर्ष आदि नियमानुसार द्विभाषी या त्रिभाथी रूप में बनवाना सुनिश्चित करने पर राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी छोटी-छोटी कमियाँ हमेशा के लिए दूर हो सकती हैं ।
कर्मचारियों का हिंदी भाषा प्रशिक्षण, टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण को महत्व देते सभी स्टॉफ सदस्यों का समयबद्ध प्रशिक्षण सुनिश्चित करना जरूरी है ।
हिंदी शिक्षण योजना का केंद्र फिलहाल पोदनूर में स्थित है, जो शहर से काफ़ी दूर होने के कारण उस केंद्र में जाकर प्रशिक्षण पाने में विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारियों को दिक्कत होती है, अतः उस केंद्र का यथाशीग्र कोयंबत्तूर शहर के मध्य किसी अनूकूल जगह पर स्थानांतरित करने की पहल की जाए, जहाँ अधिकांश कर्मचारियों के लिए सुविधाजनक हो ।
कार्यालय में प्रयोग में लाए जा रहे सभी कंप्यूटरों में हिंदी के लिए यूनिकोड का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए ।
कंप्यूटर पर अधिकांश द्विभाषी मानक मसौदें बनवाकर उनका प्रयोग सुनिश्चित किया जाए साथ ही सभी पदधारियों को कंप्यूटर पर हिंदी प्रयोग में अवश्य प्रशिक्षण दिलवाया जाए ।
4. सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने बताया कि हर छमाही में संपन्न होनेवाली समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठकों में सरकारी कार्यालय, उपक्रमों के प्रधानों का उपस्थित होना तथा समीक्षार्थ राजभाषा कार्यान्वयन की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट समिति को समय पर प्रस्तुत करना आवश्यक है । अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित कैलेंडर के अनुसार अंतिम तिथियों की सूचना देते हुए उन्होंने बताया कि 31 मार्च को समाप्त छमाही की रिपोर्ट 20 अप्रैल तक तथा 30 सितंबर को समाप्त छमाही की रिपोर्ट 20 अक्तूबर तक नराकास कार्यालय को भेजी जानी चाहिए ।
5. सदस्य-सचिव ने बैठक में उपस्थित कुछ वरिष्ठतम अधिकारियों से अनुरोध किया कि के अपने यहाँ राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में समिति के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करें । विभिन्न कार्यालयों के प्रधाने ने विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की । कुछ महत्वपूर्ण बिंदु यहाँ प्रस्तुत हैं –
Ø भारती विमानपत्तन प्राधिकरण, कोयंबत्तूर हवाईअड्डा के विमानपत्तन निदेशक श्री वासुदेव जी ने कहा कि विमानपत्तन कार्यालय के अधिकांश अधिकारियों ने हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान हासिल किया है । हर तिमारी में नियमित रूप से राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं । वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में निष्ठापूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं । कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है । अधिकांश पदधारी हिंदी में बातचीत करते हैं ।
Ø स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के शाखा प्रबंधक श्री गोगोई जी ने कहा कि कार्यालय में प्रयोग में लाए जा रहे अधिकांश प्रारूप द्विभाषी रूप में हैं । हिंदी की प्रोत्साहन-योजनाओं में स्टॉफ सदस्य दिलचस्पी से भाग ले रहे हैं और पुरस्कार भी प्राप्त कर रहे हैं । हिंदी में प्राप्त पत्रों का जवाब भी हिंदी में ही दिए जाते हैं ।
Ø भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्र प्रबंधक श्री जी. केशवमूर्ति जी ने कहा कि स्टॉफ के हिंदी के ज्ञान को बढ़ाने हेतु हिंदी कार्याशाला का आयोजन किया गया है । अधिकांश स्टॉफ के हिदी के ज्ञान को बढ़ाने हेतु हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया है । अधिकांश स्टॉफ सदस्य हिंदी में ही हस्ताक्षर करते हैं । कार्यालय में सभी रबड़ की मुहरे द्विभाषी रूप में ही प्रयुक्त हो रहे हैं ।
Ø भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक श्री भास्कर जी ने कहा कि धारा 3(3) का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है । हिंदी में पत्राचार किया जा रहा है ।
Ø राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के मुख्य प्रबंधक श्री सुदर्शन मलिक जी ने बताया कि उनके कार्यालय में अधिकांश लोग पहले तमिल में बोलते थे, मगर अब 95 % लोग हिंदी में बोलने लगे हैं । पत्राचार द्वारा सभी स्टॉफ सदस्यों को हिंदी भाषा प्रशिक्षण दिलवाया गया है । फाइल कवरों पर टिप्पणियाँ छपवाई गई हैं और 95 % कार्य हिंदी में ही हो रहा है । राजभाषा कार्यान्वयन में प्रगति की समिक्षा हेतु नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जा रही हैं ।
Ø हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक श्री उमाशंकर जी ने बताया कि उनके कार्यालय में सभी कंप्यूटरों में हिंदी हेतु यूनिकोड को सक्रिय किया गया है । सभी अधिकारियों द्वारा हिंदी का प्रयोग किया जाता है । मानक टिप्पणियाँ परिचालित की गई हैं । हिंदी पखवाड़े के दौरान कई प्रतियोगिताओं का आयोजन करके स्टॉफ़ को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है । कार्यालय में एचपीसीएल की नकद पुरस्कार योजना भी लागू की गई है । विभागीय क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन हाल ही मदुरै में किया गया है ।
Ø केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक सह परियोजन समन्वयक डॉ. ना. गोपालकृष्णन जी ने कहा कि उनके कार्यलय मे कार्यरत भिन्न भाषाभाषी दिलचस्पी से हिंदी में बोलते हैं । संस्थान में अधिकांश वैज्ञानिक हैं । शुरूआत में केवल चार लोग हिंदी जानते थे, नियमित प्रशिक्षण व्यवस्था के बाकी स्टॉफ स्दस्यों ने भी हिंदी सीखी है । हिंदी कंप्यूटर कार्यशाल का आयोजन करके हिंदी प्रयोग को बढ़ावा दिया गया है । अब यहाँ तक कि प्रगति हासिल की गई है कि वैज्ञानिक अपने शोध के परिणाम हिंदी में भी लिख रहे हैं । वैज्ञानिक आलेख विभागीय हिंदी पत्रिका श्वेत स्वर्णिमा में हिंदी प्रकाशित किए जाते हैं । हिंदी पुस्तकें नियमित रूप से खरीदी जाती हैं । संसदीय राजभाषा समिति ने अपने निरीक्षण के दौरान काफ़ी प्रशंसा की है ।
Ø भारतीय कपास निगम लिमिटेड के शाखा प्रबंधक श्री पिल्लेवार जी ने कहा कि हम हिंदी के हित में सोचें तो हिंदी में काम करना बहुत आसान है । कार्यालय में हम सभी प्रारूप द्विभाषी ही में प्रयोग करते हैं । स्टॉफ सदस्य हिंदी में हस्तक्षर करते हैं । हिंदी में कार्य करने वाले स्टॉफ़ सदस्यों को प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है ।
Ø स्पैसेस बोर्ड के प्रबंधक श्री रामलिंगम जी ने कहा कि कार्यालय में स्टॉफ के बीच प्रशासनिक शब्दावली की प्रतियाँ वितरित की गई हैं । पत्राचार द्विभाषी में कर रहे हैं । ई-मेल हिंदी में भी भेज रहे हैं ।
Ø निर्यात निरीक्षण अभिकरण के सहायक निदेशक श्री कलैचेल्वन जी ने कहा कि गूगुल अनुवाद सुविधा का उपयोग करते हुए हिंदी में पत्रचार का प्रयास किया जा रहा है ।
Ø केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कमांडेंट श्री कण्णन जी ने कहा कि उनके सभी कर्मचारी हिंदी में ही बोलते हैं । हिंदी में पत्राचार किया जा रहा है । राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित होनेवाली तिमाही बैठकों में भी पूरी कार्यवाही हिंदी में ही की जाती है । सभी बोर्ड एवं नामपट्ट द्विभाषी में बनाए गए हैं । रबड़ की मुहरें द्विभाषी रूप में प्रयुक्त हो रहे हैं । अवकाश आवेदनपत्र भी हिंदी में प्रस्तु किए जाते हैं ।
Ø भारतीय वनस्पतिक सर्वेक्षण के निदेशक डॉ. जी.वी.एस. मूर्ति जी ने कहा कि हिंदी न जानने वालों से हिंदी में बोलकर उन्हें हिंदी सिखाया जा रहा है । सभी फार्म द्विभाषी में बनाए गए हैं और सभी कंप्यूटरों में हिंदी में हिंदी सॉफ्टवेयर की सुविधा है ।
गन्ना प्रजनन संस्था के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती उषा, केंद्रीय भंडारण निगम के वरिष्ठ प्रबंधक श्री गोपाल कृष्णन, काफ़ी बोर्ड के प्रतिनिधि, नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन के उप महाप्रबंधक श्री सुनील, युनाइटेड इंडिया इंश्येरेंस कं.लि. के श्री परमशिवम, हड्को के शाखा प्रबंधक श्री राजन आदि ने भी राजभाषा कार्यान्वयन के संबंध में अपनी राय देने के साथ-साथ अपने-अपने कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की जानकारी भी दी ।
तत्पश्चात बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार मदवार कार्यवाही आरंभ हुई ।
6. पिछली बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि – समिति ने दिनांक 1-12-2009 को संपन्न बैठक के कार्यवृत्त की सर्वसम्मति से पुष्टि की ।
7. सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा – बैठक में उपस्थित राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि डॉ. वी. बालकृष्णन, उप निदेशक (कार्यान्वयन) ने समीक्षा के दौरान अपने वक्तव्य में कहा कि-
· नराकास सदस्य कार्यालयों के वरिष्ठतम अधिकारियों के हिंदी में वक्तव्य सुनने के बाद मुझे यह संदेह हो रहा है कि मैं अब कानपुर में हूँ या कोयंबत्तूर में । सभी अधिकारियों की हिंदी निष्ठा एवं ज्ञान सराहनीय है ।
· नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति और समिति की बैठकों के उद्देश्य अलग-अलग हैं । अर्द्ध-वार्षिक बैठकों के मुख्य उद्देश्य छमाही के दौरान सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना और भविष्य की कार्य योजनाओं की चर्चा करना ।
· सदस्य कार्यालयों से प्राप्त छमाही राजभाषा प्रगति रिपोर्ट के आधार पर ही समीक्षा की जाती है । अतः यह जरूरी है कि सभी सदस्य-कार्यालयों की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट बैठक से पूर्व, निर्धारित समय सीमा तक समिति के सचिवालय में पहुँच जाना चाहिए । रिपोर्ट की तैयारी में कोई समस्या हो तो उस संबंध में नराकास की ओर से विशेष प्रशिक्षण भी आयोजित किया जा सकता है ।
· राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में किए जा रहे कार्यों में गुणात्मक सुधार लाने का प्रयास कार्यालय के प्रधानों को करना चाहिए । कार्यालय प्रधान यह भी सुनिश्चित करें कि राजभाषा कार्यान्वयन की जो भी आवधिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है, उनमें दी गई जानकारी सही एवं वस्तुपरक है, प्रश्नों के जवाब दिए गए हैं ।
· प्रबंधन के महत्वसूत्रों के आधार पर राजभाषा कार्यान्वयन के सफल प्रबंधन पर कार्यालय प्रधान ध्यान दें ।
उप निदेशक (कार्यान्वयन) के उद्बोधन के दौरान कार्यसूची की मदों के अनुसार जिन मुद्दों की चर्चा की गई, उनका सारांश इस प्रकार है -
(i) हिंदी भाषा प्रशिक्षण – सभी कार्यालयों के प्रधान यह सुनिश्चित कर लें कि अपने कार्यालय में हिंदी भाषा प्रशिक्षण के लिए शेष पदधारियों को चरणबद्ध कार्यक्रम बनाकर तदनुसार प्रशिक्षण दिलवाया जाए ।
§ हिंदी शिक्षण योजना के प्राध्यापक द्वारा यह अनुरोध किया गया कि जुलाई, 2010 के सत्र के लिए प्रशिक्षणार्थियों की सूची हिंदी शिक्षण योजना के कार्यालय को तुरंत भेजी जाए ।
§ किसी कार्यालय द्वारा जगह उपलब्ध कराने पर हिंदी शिक्षण योजन के केंद्र को स्थानांतरित किया जा सकता है ।
(ii) हिंदी भाषा टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण - कोयंबत्तूर नगर में हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण सुनिश्चित करने हेतु तैनात सहायक निदेशक (टंकण एवं आशुलिपि) बैठक में पधारकर भी चर्चा के दौरान अनुपस्थिति पर उप निदेशक (कार्यान्वयन) ने चिंता जताई है । समिति द्वारा यह आशा जताई गई है कि नव नियुक्त सहायक निदेशक (टंकण एवं आशुलिपि) कोयंबत्तूर स्थिति सभी कार्यालयों में हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण का लक्ष्य पूरा करने में योग दें ।
(iii) कंप्यूटरों में हिंदी का प्रयोग – राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग बढ़ाया जाए ।
(iv) धारा 3(iii) का अनुपालन – सभी कार्यालयों में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(iii) में निर्धारित सभी 14 प्रकार के दस्तावेज द्विभाषी रूप में जारी करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
(v) पत्राचार – राजभाषा विभाग द्वारा वार्षिक कार्यक्रम में ‘ग’ क्षेत्र में पत्राचार के लिए निर्धारित लक्ष्य 55 प्रतिशत हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
(vi) नियम 5 का अनुपालन – राजभाषा नियम, 1976 के नियम-5 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु हिंदी में प्राप्त पत्रों का जवाब हिंदी में दिया जाना सुनिश्चित किया जाए ।
(vii) नियम 11 का अनुपालन – राजभाषा नियम, 1976 के नियम-11 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सभी रबड़ मुहरें तथा कार्यालय के नामपट्ट, सूचना पट्ट आदि नियमानुसार द्विभाषी / त्रिभाषी रूप में बनवाना सुनिश्चित किया जाए ।
(viii) वार्षिक कार्यक्रम की चर्चा – राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों की जानकारी सदस्यों को दी गई तथा सभी लक्ष्य हासिल करने का अनुरोध किया गया ।
(ix) कार्यशालाओं तथा संगोष्ठियों का आयोजन –
समिति द्वारा उच्च अधिकारियों के लिए राजभाषा प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए ।
समिति द्वारा एक राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन करने का निर्णय लिया गया ।
हिंदी में वैज्ञानिक लेखन को बल देने के लिए वैज्ञानिकों के लिए समिति के तत्वावधान एक संगोष्ठी के आयोजन की जरूरत के संबंध में चर्चा के दौरान संगोष्ठी के प्रायोजन की स्वीकृति केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक सह परियोजन समन्वयक डॉ. ना. गोपालकृष्णन जी ने दी । यह कार्यक्रम निकट भविष्य में आयोजित करने का निर्णय लिया गया ।
(x) पत्रिका का प्रकाशन - समिति की पत्रिका को यथाशीघ्र प्रकाशित करने हेतु सदस्य-कार्यालयों के प्रधानों से अनुरोध किया गया कि वे अपने कार्यालय / संस्थान का परिचय सहित राजभाषा कार्यान्वयन की गतिविधियों से संबंधित सचित्र जानकारी, मौलिक रचनाएँ तथा कार्यालय, संस्थान आदि अपने विभागीय गतिविधियों से संबधित रिपोर्ट भी यथाशीघ्र भेजें । पत्रिका में प्रकाशनार्थ विज्ञापन जारी करने का अनुरोध-पत्र सदस्य-कार्यालयों को भेजने का निर्णय लिया गया ।
(xi) सदस्य-निर्देशिका का प्रकाशन – नराकास सदस्य-निर्देशिका के प्रकाशन के लिए अपेक्षित सूचना तुरंत उपलब्ध कराने का अनुरोध सभी कार्यालयों के प्रधानों से किया गया । विचार-विमर्श के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि समिति द्वारा भेजे गए पत्रों की प्रतिक्रिया जिन कार्यालयों से बिल्कुल नहीं मिल रही हैं, वहाँ कार्यदल के सदस्य पहुँचकर अपेक्षित जानकारी हासिल करेंगे ।
(xii) वर्ष 2010-11 के लिए अंशदान – न.रा.का.स. की गतिविधियों के लिए सदस्य-कार्यालयों द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए रु.1000/ – (रुपए एक हजार मात्र) अंशदान के रूप में प्राप्त करने का प्रस्ताव पिछली बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया । बैठक की तिथि तक अंशदान जमा करने वाले कार्यालयों की सूची का परिचालन भी बैठक में किया गया ।
8. कार्यदल के कार्यों की समीक्षा – समिति के सदस्य-कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति हेतु आवश्यक मार्गदर्शन देने के लिए गठित कार्यदल अगली छमाही के दौरान विभिन्न कार्यालयों का दौरा करेगी ।
9. अनुवाद प्रशिक्षण – समिति के सदस्य-कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन के कार्य में संलग्न हिंदी अनुवादकों, हिंदी सहायकों, हिंदी अधिकारियों को बैंगलूर स्थित केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के अनुवाद केंद्र में प्रशिक्षण हेतु नामित किया जाए । आवश्यकतानुसा गैर-हिंदी स्टॉफ़ को भी प्रशिक्षण में नामित किया जा सकता है ।
अंत में सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ ही बैठक सुसंपन्न हुई।
Monday, June 28, 2010
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक 6 जुलाई को
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अगली अर्द्ध-वार्षिक बैठक दिनांक 6-7-2010 को अपराह्न 2:30 बजे कम्यूनिटी हाल, बी.एस.एन.एल. स्टॉफ क्वार्टर्स (पी.एंड टी. क्वार्टर्स), एन.एस.आर. रोड, साई बाबा कालोनी, कोयंबत्तूर-641011 (दूरभाष/Phone:2432466, 2443700) में आयोजित की जाएगी। भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में कार्यालय प्रधान का बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य है।
Half-Yearly meeting of the TOLIC, Coimbatore will be convened on 6-7-2010 at 2:30 p.m. at the Community Hall, BSNL Staff Quarters (P & T Quarters), NSR Road, Sai Baba Colony, Coimbatore - 641 011 (Ph. No: 2432466, 2443700). In compliance with the directions issued by the Govt. of India, Ministry of Home Affairs, Dept. of Official Language, the Head of the Office has to attend the meeting. Hence it is requested kindly to attend the above said meeting without fail.
Tuesday, December 1, 2009
कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह संपन्न/HALF-YEARLY MEETING & HINDI DAY CELEBRATIONS OF TOLIC HELD
कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह दि.1 दिसंबर, 2009 को सुसंपन्न हुआ । बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने की । बैठक का शुभारंभ श्रीमती ए. चित्रा के प्रार्थना गीत से हुआ । समिति के सदस्य-सचिव एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सहायक निदेशक (राजभाषा) डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने सभी अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत किया और समिति की गतिविधियों का परिचय दिया ।
समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देना हमारा दायित्व है । अपने-अपने विभाग, कार्यालय के मूल कार्यों करने को हम जितना महत्व देते है, राजभाषा कार्यान्वयन को भी उतना ही महत्व दिया जाए । उन्होंने कहा कि कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति अपने उद्देश्यों एवं कार्यों में काफ़ी सक्रिय है एवं राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में सामयिक चेतना के साथ गतिशील है । सरकारी कार्यालयों में हिंदी सीखने के लिए कई अवसर व सुविधाएँ मिलती हैं । इनका लाभ उठाते हुए सबको हिंदी सीखना चाहिए । उन्होंने कुछ प्रेरक उदाहरण देते हुए बताया कि भाषाओं को आसानी से किस तरह सीखी जा सकती हैं और भाषाओं के ज्ञान से कार्यसाधन में कितनी सुविधा होती है । हिंदी फिल्मों के माध्यम से भी हिंदी के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और फिल्मों के नामों और गानों से भी कई हिंदीतर भाषी हिंदी सीख रहे हैं । कार्यालय अध्यक्षों से उन्होंने अनुरोध किया कि वे अपने कार्यालय में हिंदी कार्यान्वयन में उचित नेतृत्व का वहन करें, अच्छी शुरूआत करते हुए अपने स्टॉफ को हिंदी सीखने के अवसर प्रदान करें जिससे उन्हें हिंदी में कार्य करने की अच्छी प्रेरणा भी मिल जाएगी । हिंदी सीखने वालों से हिंदी में काम भी लिया जाए ।
अंत में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता के लिए उन्होंने सभी कार्यालय अध्यक्ष के प्रति आभार ज्ञापन किया तथा वार्षिक पुरस्कार विजेता कार्यालयों, नराकास हिंदी माह के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बधाई दी ।
सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने बताया कि हर वर्ष मई तथा अक्तूबर महीनों में संपन्न होनेवाली समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठकों में कार्यालय प्रधानों का उपस्थित होना तथा समीक्षार्थ राजभाषा कार्यान्वयन की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट समिति को समय पर प्रस्तुत करना आवश्यक है । राजभाषा नियम, 1976 के नियम 12 के अनुसार कार्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन का दायित्व कार्यालय प्रधान का होता है । उन्हें अपने दयित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाने की दिशा में आपसी विचार-विमर्श के लिए एक संयुक्त मंच के रूप में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की विशिष्ट भूमिका रहती है । राजभाषा कार्यान्वयन में आनेवाली कठिनाइयों के संबंध में अपेक्षित मार्गदर्शन भी बैठक में प्राप्त किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की विशिष्टता यह है कि सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए समिति द्वारा अद्यतन सूचनाएँ समिति के कार्यालयों को दी जाती हैं । समिति का वेबसाइट भी समय पर अपडेट किया जाता है । बैठक के दिन ही बैठक की पूरी कार्यवाही वेबसाइट में प्रकाशित करनेवाली यह एकमात्र समिति है ।
सदस्य-कार्यालयों के उपयोगार्थ राजभाषा साधन के नाम से सी.डी. बनाकर वितरित किया गया है जिसमें राजभाषा कार्यान्वयन में उपयोगी कई महत्वपूर्ण साधन शामिल किए गए हैं । समिति द्वारा आयोजित सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशालाओं द्वारा कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा मिला है ।
सदस्य-सचिव ने यह भी जानकारी दी कि हिंदी शिक्षण योजना का लाभ उठाते हुए कार्यालय के स्टॉफ को हिंदी भाषा, टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण दिलवाया जाए । नियमित कक्षाओं में किसी करणवश किन्हीं स्टॉफ सदस्यों को शामिल नहीं किया जा सकता तो उन्हें पत्रचार प्रशिक्षण अथवा राजभाषा विभाग के पोर्टल के माध्यम से चलाए जा रहे लीला प्रबोध प्रवीण एवं प्राज्ञ ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के मध्यम से प्रशिक्षण दिलवाया जा सकता है । राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग बढ़ाने पर भी उन्होंने बल दिया और सभी कार्यालय अध्यक्षों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि कंप्यूटर पर प्रयोग में लाए जाने वाले पत्रशीर्ष को अनिवार्यतः द्विभाषी रूप में प्रयोग में लाए जा रहे हैं ।
तदनंतर सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई । बैठक में चर्चित महत्वपूर्ण मद इस प्रकार हैं –
Ø हिंदी शिक्षण योजना के अगले सत्र में प्रशिक्षणार्थ स्टॉफ को नामित करने के संबंध में चर्चा की गई । हिंदी प्राध्यापक से इस संबंध में पूरी जानकारी दी गई । सदस्य-सचिव ने कहा कि सरकारी आदेशानुसार प्रशिक्षण के लिए शेष पदधारियों में से 20 प्रतिशत पदधारियों को नामित किया जाए और 2015 तक प्रशिक्षण पूरा किया जाए । दिसंबर, 2009 के तीसरे सप्ताह तक प्रशिक्षणार्थ नामित पदधारियों की सूची हिंदी शिक्षण योजना के सर्व-कार्यभारी अधिकारी / नराकास कार्यालय को भेजी जाए । कार्यालय अध्यक्षों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे हिंदी भाषा प्रशिक्षण हेतु नामित पदधारियों से यह सुनिश्चित करें कि वे कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थित रहकर, परीक्षा में अनिवार्यतः शामिल होकर प्रशिक्षण सफलता पूरा कर रहे हैं ।
Ø हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण की सुविधा सुनिश्चित करने हेतु रिक्त सहायक निदेशक (टंकण एवं आशुलिपि) पद तैनाती होने की जानकारी समिति को दी गई और अगले सत्र में पदधारियों को नामित करने का अनुरोध कार्यालय अध्यक्षों से किया गया ।
Ø समिति की ओर से नियमित रूप से कोयंबत्तूर में कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी ।
Ø सभी कार्यालयों में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) में निर्धारित 14 प्रकार के दस्तावेज द्विभाषी रूप में जारी करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
Ø राजभाषा विभाग द्वारा वार्षिक कार्यक्रम में ‘ग’ क्षेत्र में पत्राचार के लिए निर्धारित लक्ष्य 55 प्रतिशत हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
Ø राजभाषा नियम, 1976 के नियम-11 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सभी रबड़ मुहरें तथा कार्यालय के नामपट्ट, सूचना पट्ट आदि नियमानुसार द्विभाषी / त्रिभाषी रूप में बनवाना सुनिश्चित किया जाए ।
Ø राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2009-10 के लिए जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित सभी लक्ष्य हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
Ø समिति की पत्रिका तथा सदस्य-निर्देशिका का प्रकाशन यथाशीघ्र किया जाए । सदस्य-निर्देशिका प्रकाशन में अपेक्षित सूचना एकत्रित करने हेतु समिति का कार्यदल सदस्य-कार्यालयों का दौरा करेगा । निर्देशिक के प्रकाशन के पंद्रह दिन पूर्व मसौदे का प्रकाशन वेबसाइट में किया जाएगा ।
बैठक की कार्यवाही समाप्त होने के बाद हिंदी दिवस समारोह मनाया गया । राजभाषा कार्यान्वयन में श्रेष्ठ कार्य-निष्पादन हेतु वार्षिक पुरस्कारों का वितरण समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा एवं अन्य कार्यालय अध्यक्षों के कर कमलों से किया गया । पुरस्कार वितरित करनेवाले कार्यालय अध्यक्षों में श्री एम.आर. वासुदेव, विमानपत्तन निदेशक, जे. कमलनाथन, निदेशक, आकाशवाणी, श्री जी. भास्कर, निदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो, श्री जी. मुरलीधरन, महाप्रबंधक, भारत संचार निगम लिमिटेड, डॉ. ना. गोपालकृष्णन, परियोजना समन्वयन (कपास) एवं अध्यक्ष, केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, श्री डी. कन्नन, कमांडेंट, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, रा. गोपाल कृष्णन, वेयर हाऊस प्रबंधक, श्री वी.के. सिन्हा, शाखा प्रबंधक, भारतीय कपास निगम लिमिटेड, श्री सी.एन. रवींद्रनाथ, संयुक्त निदेशक, श्री क्यू. मोहियुद्दीन, प्रबंधक, भारत सरकार मुद्रणालय, श्री जी.के.के.वी. उमाशंकर, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री पी.एस. चंदन, शाखा प्रबधक, हडको, श्री एम. सेल्वराज, स्टेशन प्रबंधक, एयर इंडिया, श्री के. नल्लप्पन, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय, डॉ. एम. राजेश्वरी, प्रधानाचार्या, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर, श्री सुदर्शन मलिक, मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, श्री एम.एम. चोक्कलिंगम, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी), नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री पी. दुरैसामी, अधीक्षक, डाक भंडार डिपो, श्री पी. राजगोपालन, कंपनी पंजीयक, श्री जी. गुरुनाथन, वरिष्ठ डाकघर अधीक्षक, श्री एम.एम. रामलिंगम, वरिष्ठ क्षेत्र अधिकारी, श्री एम.के. गोगोई, शाखा प्रबंधक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, श्रीमती के. उषा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, गन्ना प्रजनन संस्थान आदि शामिल हैं ।
सरकारी कार्यालय वर्ग में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एवं कर्मचारी राज्य बीमा निगम को विशिष्ट पुरस्कार, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर को प्रथम पुरस्कार, एस एंड टी कर्मशाला को द्वितीय पुरस्कार तथा केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान को तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इनके अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय विद्यालय, कंपनी पंजीयक का कार्यालय, आयकर कार्यालय, गन्ना प्रजनन संस्थान, केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड और संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार कार्यालय को शंसा पत्र प्रदान किए गए ।
सरकारी उपक्रम वर्ग के अंतर्गत नेशनल टेक्सटाईल कार्पोरेशन लिमिटेड एवं भारतीय कपास निगम लिमिटेड को विशिष्ट पुरस्कार, भारत संचार निगम लिमिटेड को प्रथम पुरस्कार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को द्वितीय पुरस्कार तथा भारतीय खाद्य निगम को तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इनके अलावा राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय, युनाइटेड इंडिया एश्योरेंस कं.लि., स्पैसेस बोर्ड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के इरुगूर इंस्टलेशन को शंसा पत्र प्रदान किए गए ।
श्रेष्ठ राजभाषा पत्रिकाओं के लिए दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों के अंतर्गत सरकारी कार्यालय वर्ग में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रकाशित कोंगु निधि को प्रथम पुरस्कार, आयकर कार्यालय द्वारा प्रकाशित आयकर प्रसून को द्वितीय पुरस्कार, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर द्वारा प्रकाशित विद्यालय पत्रिका के लिए तृतीय पुरस्कार तथा सरकारी उपक्रम वर्ग में भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा प्रकाशित अमृतवाणी को प्रथम पुरस्कार एवं युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रकाशित सिरुवाणी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
बैठक में विमानपत्तन निदेशक श्री वासुदेव, राष्ट्रीय हथकरघा निगम के वरिष्ठ प्रबंधक श्री मलिक, स्पैसेस बोर्ड के प्रधान श्री रामलिंगम, नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन लिमिटेड को मुख्य महाप्रबंधक श्री एम. चोक्कलिंगम, सहायक प्रबंधक (राजभाषा) श्री यू,एन. त्रिपाठी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक श्री उमाशंकर, गन्ना प्रजनन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. चंद्रगुप्ता आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
समिति के द्वारा आयोजित हिंदी सप्ताह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कारों का वितरण किया गया । अंत में सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ ही बैठक सुसंपन्न हुई।
Tuesday, November 24, 2009
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक
Half-Yearly Meeting of the Town Official Language Implementation Committee, Coimbatore
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अगली अर्द्ध-वार्षिक बैठक दिनांक 1-12-2009 को अपराह्न 2:00 बजे कम्यूनिटी हाल, बी।एस.एन.एल. स्टॉफ क्वार्टर्स (पी.एंड टी. क्वार्टर्स), एन.एस.आर. रोड, साई बाबा कालोनी, कोयंबत्तूर-641011 (दूरभाष/Phone:2432466, 2443700) में आयोजित की जाएगी। भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में कार्यालय प्रधान का बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य है।
Half-Yearly meeting of the TOLIC, Coimbatore will be convened on 1-12-2009 at 2:00 p.m. at the Community Hall, BSNL Staff Quarters (P & T Quarters), NSR Road, Sai Baba Colony, Coimbatore - 641 011 (Ph. No: 2432466, 2443700). In compliance with the directions issued by the Govt. of India, Ministry of Home Affairs, Dept. of Official Language, the Head of the Office has to attend the meeting. Hence it is requested kindly to attend the above said meeting without fail.
Tuesday, August 18, 2009
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक
Half-Yearly Meeting of the Town Official Language Implementation Committee, Coimbatore
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अगली अर्द्ध-वार्षिक बैठक दिनांक 25-8-2009 को अपराह्न 2:30 बजे कम्यूनिटी हाल, बी।एस.एन.एल. स्टॉफ क्वार्टर्स (पी.एंड टी. क्वार्टर्स), एन.एस.आर. रोड, साई बाबा कालोनी, कोयंबत्तूर-641011 (दूरभाष/Phone:2432466, 2443700) में आयोजित की जाएगी। भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में कार्यालय प्रधान का बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य है।
Half-Yearly meeting of the TOLIC, Coimbatore will be convened on 25-8-2009 at 2:30 p.m. at the Community Hall, BSNL Staff Quarters (P & T Quarters), NSR Road, Sai Baba Colony, Coimbatore - 641 011 (Ph. No: 2432466, 2443700). In compliance with the directions issued by the Govt. of India, Ministry of Home Affairs, Dept. of Official Language, the Head of the Office has to attend the meeting. Hence it is requested kindly to attend the above said meeting without fail.