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नराकास वार्षिक राजभाषा पुरस्कार - TOLIC ANNUAL OL AWARDS 2009-10

Tuesday, July 6, 2010

दि. 6.7.2010 को संपन्न अर्द्ध-वार्षिक बैठक का कार्यवृत्त

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर
TOWN OFFICIAL LANGUAGE IMPLEMENTATION COMMITTEE, COIMBATORE

दि. 6.7.2010 को संपन्न अर्द्ध-वार्षिक बैठक का कार्यवृत्त

कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक दि.1 जुलाई, 2010 को सुसंपन्न हुई । बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने की । डॉ. वी. बालकृष्णन, उप निदेशक (कार्यान्वयन), क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय (दक्षिण पश्चिम), कोचिन बैठक में राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित थे ।
2. बैठक का शुभारंभ श्रीमती के. शुभश्री के प्रार्थना गीत से हुआ । समिति के सदस्य-सचिव एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सहायक निदेशक (राजभाषा) डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने सभी अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत किया और समिति की गतिविधियों का परिचय दिया । तदुपरांत बैठक में पधारे विभिन्न कार्यालयों के प्रधान, वरिष्ठ अधिकारी एवं प्रतिनिधियों ने अपना परिचय दिया ।
3. समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि
कार्यालय प्रधान अपने कार्यालय मे राजभाषा कार्यान्वयन की ओर उचित ध्यान दें और अपने स्टॉफ को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें, इससे निर्धारित लक्ष्य हासिल करना बहुत ही आसान है ।
प्रत्येक तिमारी में कार्यालय की राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठक आयोजित की जाए तथा एक कार्यशाला भी आयोजित की जाए ।
कार्यालय के समस्त बोर्ड, नामपट्ट, रबड़ मुहरें, पत्रशीर्ष आदि नियमानुसार द्विभाषी या त्रिभाथी रूप में बनवाना सुनिश्चित करने पर राजभाषा कार्यान्वयन संबंधी छोटी-छोटी कमियाँ हमेशा के लिए दूर हो सकती हैं ।
कर्मचारियों का हिंदी भाषा प्रशिक्षण, टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण को महत्व देते सभी स्टॉफ सदस्यों का समयबद्ध प्रशिक्षण सुनिश्चित करना जरूरी है ।
हिंदी शिक्षण योजना का केंद्र फिलहाल पोदनूर में स्थित है, जो शहर से काफ़ी दूर होने के कारण उस केंद्र में जाकर प्रशिक्षण पाने में विभिन्न कार्यालयों के कर्मचारियों को दिक्कत होती है, अतः उस केंद्र का यथाशीग्र कोयंबत्तूर शहर के मध्य किसी अनूकूल जगह पर स्थानांतरित करने की पहल की जाए, जहाँ अधिकांश कर्मचारियों के लिए सुविधाजनक हो ।
कार्यालय में प्रयोग में लाए जा रहे सभी कंप्यूटरों में हिंदी के लिए यूनिकोड का प्रयोग सुनिश्चित किया जाए ।
कंप्यूटर पर अधिकांश द्विभाषी मानक मसौदें बनवाकर उनका प्रयोग सुनिश्चित किया जाए साथ ही सभी पदधारियों को कंप्यूटर पर हिंदी प्रयोग में अवश्य प्रशिक्षण दिलवाया जाए ।
4. सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने बताया कि हर छमाही में संपन्न होनेवाली समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठकों में सरकारी कार्यालय, उपक्रमों के प्रधानों का उपस्थित होना तथा समीक्षार्थ राजभाषा कार्यान्वयन की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट समिति को समय पर प्रस्तुत करना आवश्यक है । अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए निर्धारित कैलेंडर के अनुसार अंतिम तिथियों की सूचना देते हुए उन्होंने बताया कि 31 मार्च को समाप्त छमाही की रिपोर्ट 20 अप्रैल तक तथा 30 सितंबर को समाप्त छमाही की रिपोर्ट 20 अक्तूबर तक नराकास कार्यालय को भेजी जानी चाहिए ।
5. सदस्य-सचिव ने बैठक में उपस्थित कुछ वरिष्ठतम अधिकारियों से अनुरोध किया कि के अपने यहाँ राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति के लिए किए जा रहे कार्यों के संबंध में समिति के समक्ष जानकारी प्रस्तुत करें । विभिन्न कार्यालयों के प्रधाने ने विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की । कुछ महत्वपूर्ण बिंदु यहाँ प्रस्तुत हैं –
Ø भारती विमानपत्तन प्राधिकरण, कोयंबत्तूर हवाईअड्डा के विमानपत्तन निदेशक श्री वासुदेव जी ने कहा कि विमानपत्तन कार्यालय के अधिकांश अधिकारियों ने हिंदी का कार्यसाधक ज्ञान हासिल किया है । हर तिमारी में नियमित रूप से राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकें आयोजित की जा रही हैं । वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में निष्ठापूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं । कंप्यूटर पर हिंदी में काम करने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है । अधिकांश पदधारी हिंदी में बातचीत करते हैं ।
Ø स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के शाखा प्रबंधक श्री गोगोई जी ने कहा कि कार्यालय में प्रयोग में लाए जा रहे अधिकांश प्रारूप द्विभाषी रूप में हैं । हिंदी की प्रोत्साहन-योजनाओं में स्टॉफ सदस्य दिलचस्पी से भाग ले रहे हैं और पुरस्कार भी प्राप्त कर रहे हैं । हिंदी में प्राप्त पत्रों का जवाब भी हिंदी में ही दिए जाते हैं ।
Ø भारतीय खाद्य निगम के क्षेत्र प्रबंधक श्री जी. केशवमूर्ति जी ने कहा कि स्टॉफ के हिंदी के ज्ञान को बढ़ाने हेतु हिंदी कार्याशाला का आयोजन किया गया है । अधिकांश स्टॉफ के हिदी के ज्ञान को बढ़ाने हेतु हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया है । अधिकांश स्टॉफ सदस्य हिंदी में ही हस्ताक्षर करते हैं । कार्यालय में सभी रबड़ की मुहरे द्विभाषी रूप में ही प्रयुक्त हो रहे हैं ।
Ø भारतीय मानक ब्यूरो के निदेशक श्री भास्कर जी ने कहा कि धारा 3(3) का शतप्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जा रहा है । हिंदी में पत्राचार किया जा रहा है ।
Ø राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम के मुख्य प्रबंधक श्री सुदर्शन मलिक जी ने बताया कि उनके कार्यालय में अधिकांश लोग पहले तमिल में बोलते थे, मगर अब 95 % लोग हिंदी में बोलने लगे हैं । पत्राचार द्वारा सभी स्टॉफ सदस्यों को हिंदी भाषा प्रशिक्षण दिलवाया गया है । फाइल कवरों पर टिप्पणियाँ छपवाई गई हैं और 95 % कार्य हिंदी में ही हो रहा है । राजभाषा कार्यान्वयन में प्रगति की समिक्षा हेतु नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जा रही हैं ।
Ø हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक श्री उमाशंकर जी ने बताया कि उनके कार्यालय में सभी कंप्यूटरों में हिंदी हेतु यूनिकोड को सक्रिय किया गया है । सभी अधिकारियों द्वारा हिंदी का प्रयोग किया जाता है । मानक टिप्पणियाँ परिचालित की गई हैं । हिंदी पखवाड़े के दौरान कई प्रतियोगिताओं का आयोजन करके स्टॉफ़ को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है । कार्यालय में एचपीसीएल की नकद पुरस्कार योजना भी लागू की गई है । विभागीय क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन का आयोजन हाल ही मदुरै में किया गया है ।
Ø केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक सह परियोजन समन्वयक डॉ. ना. गोपालकृष्णन जी ने कहा कि उनके कार्यलय मे कार्यरत भिन्न भाषाभाषी दिलचस्पी से हिंदी में बोलते हैं । संस्थान में अधिकांश वैज्ञानिक हैं । शुरूआत में केवल चार लोग हिंदी जानते थे, नियमित प्रशिक्षण व्यवस्था के बाकी स्टॉफ स्दस्यों ने भी हिंदी सीखी है । हिंदी कंप्यूटर कार्यशाल का आयोजन करके हिंदी प्रयोग को बढ़ावा दिया गया है । अब यहाँ तक कि प्रगति हासिल की गई है कि वैज्ञानिक अपने शोध के परिणाम हिंदी में भी लिख रहे हैं । वैज्ञानिक आलेख विभागीय हिंदी पत्रिका श्वेत स्वर्णिमा में हिंदी प्रकाशित किए जाते हैं । हिंदी पुस्तकें नियमित रूप से खरीदी जाती हैं । संसदीय राजभाषा समिति ने अपने निरीक्षण के दौरान काफ़ी प्रशंसा की है ।
Ø भारतीय कपास निगम लिमिटेड के शाखा प्रबंधक श्री पिल्लेवार जी ने कहा कि हम हिंदी के हित में सोचें तो हिंदी में काम करना बहुत आसान है । कार्यालय में हम सभी प्रारूप द्विभाषी ही में प्रयोग करते हैं । स्टॉफ सदस्य हिंदी में हस्तक्षर करते हैं । हिंदी में कार्य करने वाले स्टॉफ़ सदस्यों को प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है ।
Ø स्पैसेस बोर्ड के प्रबंधक श्री रामलिंगम जी ने कहा कि कार्यालय में स्टॉफ के बीच प्रशासनिक शब्दावली की प्रतियाँ वितरित की गई हैं । पत्राचार द्विभाषी में कर रहे हैं । ई-मेल हिंदी में भी भेज रहे हैं ।
Ø निर्यात निरीक्षण अभिकरण के सहायक निदेशक श्री कलैचेल्वन जी ने कहा कि गूगुल अनुवाद सुविधा का उपयोग करते हुए हिंदी में पत्रचार का प्रयास किया जा रहा है ।
Ø केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के कमांडेंट श्री कण्णन जी ने कहा कि उनके सभी कर्मचारी हिंदी में ही बोलते हैं । हिंदी में पत्राचार किया जा रहा है । राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा हेतु आयोजित होनेवाली तिमाही बैठकों में भी पूरी कार्यवाही हिंदी में ही की जाती है । सभी बोर्ड एवं नामपट्ट द्विभाषी में बनाए गए हैं । रबड़ की मुहरें द्विभाषी रूप में प्रयुक्त हो रहे हैं । अवकाश आवेदनपत्र भी हिंदी में प्रस्तु किए जाते हैं ।
Ø भारतीय वनस्पतिक सर्वेक्षण के निदेशक डॉ. जी.वी.एस. मूर्ति जी ने कहा कि हिंदी न जानने वालों से हिंदी में बोलकर उन्हें हिंदी सिखाया जा रहा है । सभी फार्म द्विभाषी में बनाए गए हैं और सभी कंप्यूटरों में हिंदी में हिंदी सॉफ्टवेयर की सुविधा है ।
गन्ना प्रजनन संस्था के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्रीमती उषा, केंद्रीय भंडारण निगम के वरिष्ठ प्रबंधक श्री गोपाल कृष्णन, काफ़ी बोर्ड के प्रतिनिधि, नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन के उप महाप्रबंधक श्री सुनील, युनाइटेड इंडिया इंश्येरेंस कं.लि. के श्री परमशिवम, हड्को के शाखा प्रबंधक श्री राजन आदि ने भी राजभाषा कार्यान्वयन के संबंध में अपनी राय देने के साथ-साथ अपने-अपने कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की जानकारी भी दी ।
तत्पश्चात बैठक के कार्यवृत्त के अनुसार मदवार कार्यवाही आरंभ हुई ।
6. पिछली बैठक के कार्यवृत्त की पुष्टि – समिति ने दिनांक 1-12-2009 को संपन्न बैठक के कार्यवृत्त की सर्वसम्मति से पुष्टि की ।
7. सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा – बैठक में उपस्थित राजभाषा विभाग के प्रतिनिधि डॉ. वी. बालकृष्णन, उप निदेशक (कार्यान्वयन) ने समीक्षा के दौरान अपने वक्तव्य में कहा कि-
· नराकास सदस्य कार्यालयों के वरिष्ठतम अधिकारियों के हिंदी में वक्तव्य सुनने के बाद मुझे यह संदेह हो रहा है कि मैं अब कानपुर में हूँ या कोयंबत्तूर में । सभी अधिकारियों की हिंदी निष्ठा एवं ज्ञान सराहनीय है ।
· नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति और समिति की बैठकों के उद्देश्य अलग-अलग हैं । अर्द्ध-वार्षिक बैठकों के मुख्य उद्देश्य छमाही के दौरान सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करना और भविष्य की कार्य योजनाओं की चर्चा करना ।
· सदस्य कार्यालयों से प्राप्त छमाही राजभाषा प्रगति रिपोर्ट के आधार पर ही समीक्षा की जाती है । अतः यह जरूरी है कि सभी सदस्य-कार्यालयों की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट बैठक से पूर्व, निर्धारित समय सीमा तक समिति के सचिवालय में पहुँच जाना चाहिए । रिपोर्ट की तैयारी में कोई समस्या हो तो उस संबंध में नराकास की ओर से विशेष प्रशिक्षण भी आयोजित किया जा सकता है ।
· राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में किए जा रहे कार्यों में गुणात्मक सुधार लाने का प्रयास कार्यालय के प्रधानों को करना चाहिए । कार्यालय प्रधान यह भी सुनिश्चित करें कि राजभाषा कार्यान्वयन की जो भी आवधिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती है, उनमें दी गई जानकारी सही एवं वस्तुपरक है, प्रश्नों के जवाब दिए गए हैं ।
· प्रबंधन के महत्वसूत्रों के आधार पर राजभाषा कार्यान्वयन के सफल प्रबंधन पर कार्यालय प्रधान ध्यान दें ।
उप निदेशक (कार्यान्वयन) के उद्बोधन के दौरान कार्यसूची की मदों के अनुसार जिन मुद्दों की चर्चा की गई, उनका सारांश इस प्रकार है -
(i) हिंदी भाषा प्रशिक्षण – सभी कार्यालयों के प्रधान यह सुनिश्चित कर लें कि अपने कार्यालय में हिंदी भाषा प्रशिक्षण के लिए शेष पदधारियों को चरणबद्ध कार्यक्रम बनाकर तदनुसार प्रशिक्षण दिलवाया जाए ।
§ हिंदी शिक्षण योजना के प्राध्यापक द्वारा यह अनुरोध किया गया कि जुलाई, 2010 के सत्र के लिए प्रशिक्षणार्थियों की सूची हिंदी शिक्षण योजना के कार्यालय को तुरंत भेजी जाए ।
§ किसी कार्यालय द्वारा जगह उपलब्ध कराने पर हिंदी शिक्षण योजन के केंद्र को स्थानांतरित किया जा सकता है ।
(ii) हिंदी भाषा टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण - कोयंबत्तूर नगर में हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण सुनिश्चित करने हेतु तैनात सहायक निदेशक (टंकण एवं आशुलिपि) बैठक में पधारकर भी चर्चा के दौरान अनुपस्थिति पर उप निदेशक (कार्यान्वयन) ने चिंता जताई है । समिति द्वारा यह आशा जताई गई है कि नव नियुक्त सहायक निदेशक (टंकण एवं आशुलिपि) कोयंबत्तूर स्थिति सभी कार्यालयों में हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण का लक्ष्य पूरा करने में योग दें ।
(iii) कंप्यूटरों में हिंदी का प्रयोग – राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग बढ़ाया जाए ।
(iv) धारा 3(iii) का अनुपालन – सभी कार्यालयों में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(iii) में निर्धारित सभी 14 प्रकार के दस्तावेज द्विभाषी रूप में जारी करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
(v) पत्राचार – राजभाषा विभाग द्वारा वार्षिक कार्यक्रम में ‘ग’ क्षेत्र में पत्राचार के लिए निर्धारित लक्ष्य 55 प्रतिशत हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
(vi) नियम 5 का अनुपालन – राजभाषा नियम, 1976 के नियम-5 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु हिंदी में प्राप्त पत्रों का जवाब हिंदी में दिया जाना सुनिश्चित किया जाए ।
(vii) नियम 11 का अनुपालन – राजभाषा नियम, 1976 के नियम-11 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सभी रबड़ मुहरें तथा कार्यालय के नामपट्ट, सूचना पट्ट आदि नियमानुसार द्विभाषी / त्रिभाषी रूप में बनवाना सुनिश्चित किया जाए ।
(viii) वार्षिक कार्यक्रम की चर्चा – राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्यों की जानकारी सदस्यों को दी गई तथा सभी लक्ष्य हासिल करने का अनुरोध किया गया ।
(ix) कार्यशालाओं तथा संगोष्ठियों का आयोजन –
समिति द्वारा उच्च अधिकारियों के लिए राजभाषा प्रबंधन पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाए ।
समिति द्वारा एक राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन करने का निर्णय लिया गया ।
हिंदी में वैज्ञानिक लेखन को बल देने के लिए वैज्ञानिकों के लिए समिति के तत्वावधान एक संगोष्ठी के आयोजन की जरूरत के संबंध में चर्चा के दौरान संगोष्ठी के प्रायोजन की स्वीकृति केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान के निदेशक सह परियोजन समन्वयक डॉ. ना. गोपालकृष्णन जी ने दी । यह कार्यक्रम निकट भविष्य में आयोजित करने का निर्णय लिया गया ।
(x) पत्रिका का प्रकाशन - समिति की पत्रिका को यथाशीघ्र प्रकाशित करने हेतु सदस्य-कार्यालयों के प्रधानों से अनुरोध किया गया कि वे अपने कार्यालय / संस्थान का परिचय सहित राजभाषा कार्यान्वयन की गतिविधियों से संबंधित सचित्र जानकारी, मौलिक रचनाएँ तथा कार्यालय, संस्थान आदि अपने विभागीय गतिविधियों से संबधित रिपोर्ट भी यथाशीघ्र भेजें । पत्रिका में प्रकाशनार्थ विज्ञापन जारी करने का अनुरोध-पत्र सदस्य-कार्यालयों को भेजने का निर्णय लिया गया ।
(xi) सदस्य-निर्देशिका का प्रकाशन – नराकास सदस्य-निर्देशिका के प्रकाशन के लिए अपेक्षित सूचना तुरंत उपलब्ध कराने का अनुरोध सभी कार्यालयों के प्रधानों से किया गया । विचार-विमर्श के उपरांत यह निर्णय लिया गया कि समिति द्वारा भेजे गए पत्रों की प्रतिक्रिया जिन कार्यालयों से बिल्कुल नहीं मिल रही हैं, वहाँ कार्यदल के सदस्य पहुँचकर अपेक्षित जानकारी हासिल करेंगे ।
(xii) वर्ष 2010-11 के लिए अंशदान – न.रा.का.स. की गतिविधियों के लिए सदस्य-कार्यालयों द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए रु.1000/ – (रुपए एक हजार मात्र) अंशदान के रूप में प्राप्त करने का प्रस्ताव पिछली बैठक में सर्वसम्मति से पारित किया गया । बैठक की तिथि तक अंशदान जमा करने वाले कार्यालयों की सूची का परिचालन भी बैठक में किया गया ।
8. कार्यदल के कार्यों की समीक्षा – समिति के सदस्य-कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति हेतु आवश्यक मार्गदर्शन देने के लिए गठित कार्यदल अगली छमाही के दौरान विभिन्न कार्यालयों का दौरा करेगी ।
9. अनुवाद प्रशिक्षण – समिति के सदस्य-कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन के कार्य में संलग्न हिंदी अनुवादकों, हिंदी सहायकों, हिंदी अधिकारियों को बैंगलूर स्थित केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के अनुवाद केंद्र में प्रशिक्षण हेतु नामित किया जाए । आवश्यकतानुसा गैर-हिंदी स्टॉफ़ को भी प्रशिक्षण में नामित किया जा सकता है ।
अंत में सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ ही बैठक सुसंपन्न हुई।