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नराकास वार्षिक राजभाषा पुरस्कार - TOLIC ANNUAL OL AWARDS 2009-10

Tuesday, December 1, 2009

कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह संपन्न/HALF-YEARLY MEETING & HINDI DAY CELEBRATIONS OF TOLIC HELD







कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह संपन्न

कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठक एवं हिंदी दिवस समारोह दि.1 दिसंबर, 2009 को सुसंपन्न हुआ । बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा, क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने की । बैठक का शुभारंभ श्रीमती ए. चित्रा के प्रार्थना गीत से हुआ । समिति के सदस्य-सचिव एवं कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सहायक निदेशक (राजभाषा) डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने सभी अधिकारियों तथा प्रतिनिधियों का स्वागत किया और समिति की गतिविधियों का परिचय दिया ।
समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा जी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि राजभाषा के रूप में हिंदी के प्रगामी प्रयोग को बढ़ावा देना हमारा दायित्व है । अपने-अपने विभाग, कार्यालय के मूल कार्यों करने को हम जितना महत्व देते है, राजभाषा कार्यान्वयन को भी उतना ही महत्व दिया जाए । उन्होंने कहा कि कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति अपने उद्देश्यों एवं कार्यों में काफ़ी सक्रिय है एवं राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में सामयिक चेतना के साथ गतिशील है । सरकारी कार्यालयों में हिंदी सीखने के लिए कई अवसर व सुविधाएँ मिलती हैं । इनका लाभ उठाते हुए सबको हिंदी सीखना चाहिए । उन्होंने कुछ प्रेरक उदाहरण देते हुए बताया कि भाषाओं को आसानी से किस तरह सीखी जा सकती हैं और भाषाओं के ज्ञान से कार्यसाधन में कितनी सुविधा होती है । हिंदी फिल्मों के माध्यम से भी हिंदी के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है और फिल्मों के नामों और गानों से भी कई हिंदीतर भाषी हिंदी सीख रहे हैं । कार्यालय अध्यक्षों से उन्होंने अनुरोध किया कि वे अपने कार्यालय में हिंदी कार्यान्वयन में उचित नेतृत्व का वहन करें, अच्छी शुरूआत करते हुए अपने स्टॉफ को हिंदी सीखने के अवसर प्रदान करें जिससे उन्हें हिंदी में कार्य करने की अच्छी प्रेरणा भी मिल जाएगी । हिंदी सीखने वालों से हिंदी में काम भी लिया जाए ।
अंत में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की गतिविधियों में सक्रिय सहभागिता के लिए उन्होंने सभी कार्यालय अध्यक्ष के प्रति आभार ज्ञापन किया तथा वार्षिक पुरस्कार विजेता कार्यालयों, नराकास हिंदी माह के अवसर पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बधाई दी ।
सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने बताया कि हर वर्ष मई तथा अक्तूबर महीनों में संपन्न होनेवाली समिति की अर्द्ध-वार्षिक बैठकों में कार्यालय प्रधानों का उपस्थित होना तथा समीक्षार्थ राजभाषा कार्यान्वयन की अर्द्ध-वार्षिक रिपोर्ट समिति को समय पर प्रस्तुत करना आवश्यक है । राजभाषा नियम, 1976 के नियम 12 के अनुसार कार्यालय में राजभाषा कार्यान्वयन का दायित्व कार्यालय प्रधान का होता है । उन्हें अपने दयित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभाने की दिशा में आपसी विचार-विमर्श के लिए एक संयुक्त मंच के रूप में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की विशिष्ट भूमिका रहती है । राजभाषा कार्यान्वयन में आनेवाली कठिनाइयों के संबंध में अपेक्षित मार्गदर्शन भी बैठक में प्राप्त किया जा सकता है । उन्होंने कहा कि कोयंबत्तूर नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की विशिष्टता यह है कि सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हुए समिति द्वारा अद्यतन सूचनाएँ समिति के कार्यालयों को दी जाती हैं । समिति का वेबसाइट भी समय पर अपडेट किया जाता है । बैठक के दिन ही बैठक की पूरी कार्यवाही वेबसाइट में प्रकाशित करनेवाली यह एकमात्र समिति है ।
सदस्य-कार्यालयों के उपयोगार्थ राजभाषा साधन के नाम से सी.डी. बनाकर वितरित किया गया है जिसमें राजभाषा कार्यान्वयन में उपयोगी कई महत्वपूर्ण साधन शामिल किए गए हैं । समिति द्वारा आयोजित सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशालाओं द्वारा कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ावा मिला है ।
सदस्य-सचिव ने यह भी जानकारी दी कि हिंदी शिक्षण योजना का लाभ उठाते हुए कार्यालय के स्टॉफ को हिंदी भाषा, टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण दिलवाया जाए । नियमित कक्षाओं में किसी करणवश किन्हीं स्टॉफ सदस्यों को शामिल नहीं किया जा सकता तो उन्हें पत्रचार प्रशिक्षण अथवा राजभाषा विभाग के पोर्टल के माध्यम से चलाए जा रहे लीला प्रबोध प्रवीण एवं प्राज्ञ ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के मध्यम से प्रशिक्षण दिलवाया जा सकता है । राजभाषा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कंप्यूटरों में हिंदी के प्रयोग बढ़ाने पर भी उन्होंने बल दिया और सभी कार्यालय अध्यक्षों से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि कंप्यूटर पर प्रयोग में लाए जाने वाले पत्रशीर्ष को अनिवार्यतः द्विभाषी रूप में प्रयोग में लाए जा रहे हैं ।
तदनंतर सदस्य कार्यालयों में राजभाषा कार्यान्वयन की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई । बैठक में चर्चित महत्वपूर्ण मद इस प्रकार हैं –
Ø हिंदी शिक्षण योजना के अगले सत्र में प्रशिक्षणार्थ स्टॉफ को नामित करने के संबंध में चर्चा की गई । हिंदी प्राध्यापक से इस संबंध में पूरी जानकारी दी गई । सदस्य-सचिव ने कहा कि सरकारी आदेशानुसार प्रशिक्षण के लिए शेष पदधारियों में से 20 प्रतिशत पदधारियों को नामित किया जाए और 2015 तक प्रशिक्षण पूरा किया जाए । दिसंबर, 2009 के तीसरे सप्ताह तक प्रशिक्षणार्थ नामित पदधारियों की सूची हिंदी शिक्षण योजना के सर्व-कार्यभारी अधिकारी / नराकास कार्यालय को भेजी जाए । कार्यालय अध्यक्षों से यह भी अनुरोध किया गया कि वे हिंदी भाषा प्रशिक्षण हेतु नामित पदधारियों से यह सुनिश्चित करें कि वे कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थित रहकर, परीक्षा में अनिवार्यतः शामिल होकर प्रशिक्षण सफलता पूरा कर रहे हैं ।
Ø हिंदी टंकण एवं आशुलिपि प्रशिक्षण की सुविधा सुनिश्चित करने हेतु रिक्त सहायक निदेशक (टंकण एवं आशुलिपि) पद तैनाती होने की जानकारी समिति को दी गई और अगले सत्र में पदधारियों को नामित करने का अनुरोध कार्यालय अध्यक्षों से किया गया ।
Ø समिति की ओर से नियमित रूप से कोयंबत्तूर में कंप्यूटर प्रशिक्षण कार्यशालाएँ आयोजित की जाएंगी ।
Ø सभी कार्यालयों में राजभाषा अधिनियम, 1963 की धारा 3(3) में निर्धारित 14 प्रकार के दस्तावेज द्विभाषी रूप में जारी करना सुनिश्चित किया जाना चाहिए ।
Ø राजभाषा विभाग द्वारा वार्षिक कार्यक्रम में ‘ग’ क्षेत्र में पत्राचार के लिए निर्धारित लक्ष्य 55 प्रतिशत हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
Ø राजभाषा नियम, 1976 के नियम-11 का अनुपालन सुनिश्चित करने हेतु सभी रबड़ मुहरें तथा कार्यालय के नामपट्ट, सूचना पट्ट आदि नियमानुसार द्विभाषी / त्रिभाषी रूप में बनवाना सुनिश्चित किया जाए ।
Ø राजभाषा विभाग द्वारा वर्ष 2009-10 के लिए जारी वार्षिक कार्यक्रम में निर्धारित सभी लक्ष्य हासिल करने हेतु प्रयास किया जाए ।
Ø समिति की पत्रिका तथा सदस्य-निर्देशिका का प्रकाशन यथाशीघ्र किया जाए । सदस्य-निर्देशिका प्रकाशन में अपेक्षित सूचना एकत्रित करने हेतु समिति का कार्यदल सदस्य-कार्यालयों का दौरा करेगा । निर्देशिक के प्रकाशन के पंद्रह दिन पूर्व मसौदे का प्रकाशन वेबसाइट में किया जाएगा ।
बैठक की कार्यवाही समाप्त होने के बाद हिंदी दिवस समारोह मनाया गया । राजभाषा कार्यान्वयन में श्रेष्ठ कार्य-निष्पादन हेतु वार्षिक पुरस्कारों का वितरण समिति के अध्यक्ष श्री बी.एस.वी. शर्मा एवं अन्य कार्यालय अध्यक्षों के कर कमलों से किया गया । पुरस्कार वितरित करनेवाले कार्यालय अध्यक्षों में श्री एम.आर. वासुदेव, विमानपत्तन निदेशक, जे. कमलनाथन, निदेशक, आकाशवाणी, श्री जी. भास्कर, निदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो, श्री जी. मुरलीधरन, महाप्रबंधक, भारत संचार निगम लिमिटेड, डॉ. ना. गोपालकृष्णन, परियोजना समन्वयन (कपास) एवं अध्यक्ष, केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, श्री डी. कन्नन, कमांडेंट, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, रा. गोपाल कृष्णन, वेयर हाऊस प्रबंधक, श्री वी.के. सिन्हा, शाखा प्रबंधक, भारतीय कपास निगम लिमिटेड, श्री सी.एन. रवींद्रनाथ, संयुक्त निदेशक, श्री क्यू. मोहियुद्दीन, प्रबंधक, भारत सरकार मुद्रणालय, श्री जी.के.के.वी. उमाशंकर, वरिष्ठ क्षेत्रीय प्रबंधक, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री पी.एस. चंदन, शाखा प्रबधक, हडको, श्री एम. सेल्वराज, स्टेशन प्रबंधक, एयर इंडिया, श्री के. नल्लप्पन, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय, डॉ. एम. राजेश्वरी, प्रधानाचार्या, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर, श्री सुदर्शन मलिक, मुख्य प्रबंधक, राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, श्री एम.एम. चोक्कलिंगम, मुख्य महाप्रबंधक (तकनीकी), नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन लिमिटेड, श्री पी. दुरैसामी, अधीक्षक, डाक भंडार डिपो, श्री पी. राजगोपालन, कंपनी पंजीयक, श्री जी. गुरुनाथन, वरिष्ठ डाकघर अधीक्षक, श्री एम.एम. रामलिंगम, वरिष्ठ क्षेत्र अधिकारी, श्री एम.के. गोगोई, शाखा प्रबंधक, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड, श्रीमती के. उषा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, गन्ना प्रजनन संस्थान आदि शामिल हैं ।
सरकारी कार्यालय वर्ग में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन एवं कर्मचारी राज्य बीमा निगम को विशिष्ट पुरस्कार, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर को प्रथम पुरस्कार, एस एंड टी कर्मशाला को द्वितीय पुरस्कार तथा केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान को तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इनके अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय विद्यालय, कंपनी पंजीयक का कार्यालय, आयकर कार्यालय, गन्ना प्रजनन संस्थान, केंद्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड और संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार कार्यालय को शंसा पत्र प्रदान किए गए ।
सरकारी उपक्रम वर्ग के अंतर्गत नेशनल टेक्सटाईल कार्पोरेशन लिमिटेड एवं भारतीय कपास निगम लिमिटेड को विशिष्ट पुरस्कार, भारत संचार निगम लिमिटेड को प्रथम पुरस्कार, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को द्वितीय पुरस्कार तथा भारतीय खाद्य निगम को तृतीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
इनके अलावा राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय, युनाइटेड इंडिया एश्योरेंस कं.लि., स्पैसेस बोर्ड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड के इरुगूर इंस्टलेशन को शंसा पत्र प्रदान किए गए ।
श्रेष्ठ राजभाषा पत्रिकाओं के लिए दिए जाने वाले वार्षिक पुरस्कारों के अंतर्गत सरकारी कार्यालय वर्ग में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्रकाशित कोंगु निधि को प्रथम पुरस्कार, आयकर कार्यालय द्वारा प्रकाशित आयकर प्रसून को द्वितीय पुरस्कार, केंद्रीय विद्यालय, सूलूर द्वारा प्रकाशित विद्यालय पत्रिका के लिए तृतीय पुरस्कार तथा सरकारी उपक्रम वर्ग में भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा प्रकाशित अमृतवाणी को प्रथम पुरस्कार एवं युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेंस कंपनी लिमिटेड द्वारा प्रकाशित सिरुवाणी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किए गए ।
बैठक में विमानपत्तन निदेशक श्री वासुदेव, राष्ट्रीय हथकरघा निगम के वरिष्ठ प्रबंधक श्री मलिक, स्पैसेस बोर्ड के प्रधान श्री रामलिंगम, नेशनल टेक्सटाइल कार्पोरेशन लिमिटेड को मुख्य महाप्रबंधक श्री एम. चोक्कलिंगम, सहायक प्रबंधक (राजभाषा) श्री यू,एन. त्रिपाठी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक श्री उमाशंकर, गन्ना प्रजनन संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. चंद्रगुप्ता आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए ।
समिति के द्वारा आयोजित हिंदी सप्ताह के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी पुरस्कारों का वितरण किया गया । अंत में सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु द्वारा धन्यवाद ज्ञापन एवं राष्ट्रगान के साथ ही बैठक सुसंपन्न हुई।

Tuesday, November 24, 2009

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक

Half-Yearly Meeting of the Town Official Language Implementation Committee, Coimbatore

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अगली अर्द्ध-वार्षिक बैठक दिनांक 1-12-2009 को अपराह्न 2:00 बजे कम्यूनिटी हाल, बी।एस.एन.एल. स्टॉफ क्वार्टर्स (पी.एंड टी. क्वार्टर्स), एन.एस.आर. रोड, साई बाबा कालोनी, कोयंबत्तूर-641011 (दूरभाष/Phone:2432466, 2443700) में आयोजित की जाएगी। भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में कार्यालय प्रधान का बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य है।

Half-Yearly meeting of the TOLIC, Coimbatore will be convened on 1-12-2009 at 2:00 p.m. at the Community Hall, BSNL Staff Quarters (P & T Quarters), NSR Road, Sai Baba Colony, Coimbatore - 641 011 (Ph. No: 2432466, 2443700). In compliance with the directions issued by the Govt. of India, Ministry of Home Affairs, Dept. of Official Language, the Head of the Office has to attend the meeting. Hence it is requested kindly to attend the above said meeting without fail.

Wednesday, October 14, 2009

पुदुच्चेरी में क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन एवं राजभाषा पुरस्कार वितरण संपन्न

राष्ट्रीय स्वाभिमान और सुविधा की दृष्टि से हिंदी ही उपयुक्त संपर्क भाषा होगी – अजय माकन

जवाहरलाल नेहरु स्नातकोत्तर चिकित्सकीय शिक्षा एवं शोध संस्थान (जिपमेर), पुदुच्चेरी के प्रेक्षागृह में क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन का उद्घाटन आज सुबह 10 बजे माननीय केंद्रीय गृह राज्यमंत्री श्री अजय माकन जी ने द्वीप प्रज्वलन के साथ किया ।
भारत एक विशाल देश है, जहाँ कई भाषाएँ और बोलियाँ बोली जाती है किंतु भारत की सभी भाषाओं की आत्मा एक ही है, जो भारतीयता का समान संदेश देती रही हैं । हमारी सामासिक संस्कृति का केंद्र बिंदु एक ही रहा है, भले ही इसकी अभिव्यक्ति का माध्यम विभिन्न भाषाएँ रही हों । हमारे महान देश में भाषाओं की विभिन्नता इसकी मूलभूत एकता में कभी बाधक नहीं रही है । इनके भीतर भारतीयता सतत रूप से प्रवाहित रही है । इस एकता में भारतीय भाषाओं में रचित साहित्य का बड़ा योगदान रहा है । यदि हम भारती की विभिन्न भाषाओं में रचित साहित्य पर दृष्टि डालें, तो यह तथ्य सहज ही स्पष्ट हो जाएगा कि कश्मीर से कन्याकुमारी और सौराष्ट्र से कामरूप तक सभी लेखकों और कवियों ने अपनी रचनाओं में समसामयिक विचारधारा से प्रभावित होकर अपनी-अपनी भाषाओं में अपने विचारों की अभिव्यक्ति की है ।
हमें संघ की राजभाषा हिंदी के साथ-साथ सभी अन्य भाषाओं-बोलियों का संरक्षण भी करना है ताकि विकास, रोजगार और पनर्वास की प्रक्रिया के कारण ये विलुप्त न हो जाए । भाषा केवल अभिव्यक्ति का माध्यम नहीं होती है । अपितु इससे बोलने वालों की संस्कृति और संस्कार भी जुड़े होते हैं ।
हमारे देश के संविधान ने हम सबके ऊपर भारतीय भाषाओं के विकास का दायित्व सौंपा है । इस जिम्मेदारी का निर्वाह हमें धैर्य, लगन और विवेकपूर्ण ढंग से करना है । कोई भी भाषा तभी समृद्ध हो सकती है और जनता द्वारा उसका तभी स्वागत होता है जब वह अपने आपको पुराने मापदंडों से बांध कर न रखे । हिंदी के स्वरूप में भी भारतीय समाज और संस्कृति की विविधता और एकता, विज्ञान और प्रौद्योगिकी की पारिभाषिक स्पष्टता, दर्शन और धर्म की व्यापकता प्रतिबिंबित होनी चाहिए । संपर्क भाषा के रूप में हिंदी का व्यापक प्रयोग सदैव से ही होता रहा है । यहां तक कि अंग्रेजों को भी अपना शासन चलाने के लिए टूटी-फूटी ही सही पर हिंदी ही हितकर लगी और आज बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने उत्पादकों को बेचने के लिए हिंदी व अन्य भाषाओं का प्रयोग कर रही हैं । अप भारत के किसी भी प्रांत में चले जाएं, वहाँ आपकों हिंदी का प्रयोग अवश्य मिलेगा । हिंदी का व्यापक जनाधार और यह धीरे-धीरे परंतु निश्चित रूप से बढ़ता ही जा रहा है ।
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान स्वराज, स्वदेशी और स्वभाषा पर जोर दिया गया था । उस समय यह समझा गया था कि बिना स्वदेशी व स्वभाषा के स्वराज सार्थक नहीं होगा । हमारे राष्ट्रीय नेताओं की यह दृढ़ धारणा थी कि कोई भी देश अपनी स्वतंत्रता को अपनी भाषा के अभाव में मौलिक रूप से परिभाषित नहीं कर सकता, उसे अनुभव नहीं कर सकते । उन महापुरुषों की मान्यता थी कि यदि हमें भारत में एक राष्ट्र की भावना सुदृढ़ करनी है तो एक संपर्क भाषा होना नितांत आवश्यक है और राष्ट्रीय स्वाभिमान और सुविधा की दृष्टि से हिंदी ही उपयुक्त संपर्क भाषा होगी । उन महापुरुषों में नेताजी सुभाषचंद्र बोस जी का नाम विशेष रूप से स्मरणीय है । उन्होंने कहा था “अगर आज हिंदी भाषा मान ली गई तो इसलिए नहीं कि वह किसी प्रांत विशेष की भाषा है, बल्कि इसलिए कि वह अपनी सरलता, व्यापकता तथा क्षमता के कारण सारे देश की भाषा है ।”
हिंदी और भारतीय भाषाओं के संवर्धन एवं विकास में दक्षिस भारत के संतों, मनीषियों आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा है । यहाँ के अनेक साहित्यकारों ने हिंदी साहित्य की सभी विधाओं पर उत्कृष्ट साहित्य की रचना की है । उनके कृतित्व व व्यक्तित्व से भारतीय संस्कृति, साहित्य, भाषा और कला को संबल मिला है जिससे जन-साधारण लाभान्वित हुआ है । हिंदी प्रचार-प्रसार के कार्य में स्वैच्छिक हिंदी संस्थाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है । तमिलनाडु, केरल, आंद्र प्रदेश, कर्नाटक आदि प्रांतों की हिंदी की स्वैच्छिक संस्थाओं ने इस संबंध में अपनी विशिष्ट भूमिका निभाई है । इन संस्थाओं के माध्यम से हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं का पारस्परिक आदान-प्रदान, समन्वय एवं सामंजस्य बढ़ा है । परिणामस्वरूप हिंदीतर भाषा लोगों में हिंदी के प्रति इन संस्थाओं से जुड़े व्यक्तियों ने जिस निष्ठा एवं समर्पणभाव से राष्ट्रीय महत्व के इस कार्य को आगे बढ़ाया है, उसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए, कम है ।
मैं मानता हूँ कि कोई भी राष्ट्र अपना भाषा के बिना गूंगा हो जाता है । विचारों की अभिव्यक्ति रुक जाती है । कोई भी लोकतांत्रिक व्यवस्था लोकभाषा के अभाव प्रभावहीन हो जाता है । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमने लोकतांत्रिक व्यवस्था अपनाई है । हमारी व्यवस्था लोक-कल्याणकारी है । सरकार की कल्याणकारी योजनाएं तभी प्रभावी मानी जाएंगी जब आम जनता उनसे लाभान्वित होगी । इसके लिए आवश्यक है कि शासन का काम-काज आम जनता की भाषा में निष्पादित किया जाए ।
एक जनतांत्रिक देश की सरकार और शासन को, जनता की भावनाओं के प्रति निरंतर सजग रहना पड़ता है । शासन एवं प्रशासन और जनता के मध्य संपर्क के लिए भाषा का बहुत ज्यादा महत्व है । शासन के कार्यक्रमों की सफलता या विफलता तथा शासन की छवि, इस पर निर्भर होते हैं कि उन्हें जनता कि कितना सहयोग मिलता है । हिंदी देश या प्रांतों की सीमाओं से बंधी नहीं है । यह एक उदारशील भाषा है जो अन्य भाषाओं से नित नए शब्द ग्रहण कर और अधिक संपन्न हो रही है । इससे हिंदी का विकासोन्मुखी रूप प्रकट होता है । इसे देश के विकास के सभी पहलुओं से जोड़ना है । अतः यह आवश्यक है कि विभिन्न कार्यक्षेत्रों से संबंधित विषयों के अनुरूप हिंदी में कार्यालय-साहित्य का निर्माण हो ।
संघ के राजकीय कार्यों में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाना हमारा संवैधानिक व नैतिक दायित्व है । केंद्रित कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों आदि में हिंदी के प्रयोग को बढ़ाना हमारा संवैधानिक व नैतिक दायित्व है । केंद्रीय कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों आदि में हिंगी के प्रयोग को बढ़ाने के लिए राजभाषा विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएँ चलाई जाती हैं । प्रतिवर्ष एक वार्षक कार्यक्रम भी जारी किया जाता है । केंद्रीय सरकार के कार्यालयों में हिंदी का प्रयोग क्रमिक रूप से बढ़ रहा है लेकिन इसमें और तेजी लाने की आवश्यककता है । राजभाषा विभाग इस दिशा में प्रयत्नशील है । मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग से लक्ष्यों की प्राप्ति की प्राप्ति हो सकेगी ।
आज का युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है । हर क्षेत्र में इसका प्रयोग पढ़ता जा रहा है । हिंदी भाषा का प्रयोग बढ़ता जा रहा है । हिंदी भाषा का प्रयोग बढ़ाने के लिए भी सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाना जरूरी हो गया है । अब तक कंप्यूटर पर हिंदी के प्रयोग के संबंध में आती रही अधिकांश समस्याओं का कारण मानक भाषा एनकोडिंग यानि यूनिकोड से भिन्न एनकोडिंग प्रयोग रहा है । आज के कंप्यूटर पर यूनिकोड में हिंदी प्रयोग करने की प्रभावी सुविधा उपलब्ध है । आवश्यकता है इन सुविधाओं के प्रयोग करने संबंधी जागरूकता की । अंग्रेजी प्रयोग को सूचना प्रौद्योगिकी में हुए विकास का पूरा लाभ मिला है । हिंदी प्रयोग के लिए भी ये सब सुविधाएँ उतनी ही सहजता से उपलब्ध हो सके इसके लिए अधिकारियों एवं विद्वानों को लेकर तीन समितियाँ गठित की गई है । ये समितियाँ हिंदी प्रयोगकर्ता की साफ्टवेयर संबंधी आवश्यकताओं की प्रभावी पूर्ति एवं हिंदी प्रयोगकर्ता में तकनीकी प्रयोग संबंधी जागरूकता पैदा करने के संबंध में सुझाव देंगी । मुझे यकीन है कि इन सुझावों पर अमल हिंदी प्रयोगकर्ता तक सूचना प्रौद्योगिकी में हुए विकास के लाभ को पहुँचाने में महत्वपूर्ण योगदान होगा ।
यह अच्छी बात है कि हम हर क्षेत्र में विशेष उपलब्धियाँ हासिल करने वालों को सम्मानित करते हैं । सम्मेलन में आज कई संगठनों ने पुरस्कार प्राप्त किए हैं । मैं पुरस्कार प्राप्त करने वालों को पुनः बधाई देता हूँ । पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं का यह दायित्व बनता है कि वे अपने पूरे संगठन में राजभाषा हिंदी के प्रयोग-प्रसार को स्थायी रूप दें और अन्य संगठनों के लिए उदाहरण प्रस्तुत करें । शेष संगठनों के वरिष्ठ अधिकारियों के अपेक्षा है कि वे संविधान द्वारा सौंपे गए इस दायित्व का निर्वाह उसी निष्ठा और तत्परता से करें जिस निष्ठा से वि अपने अन्य दायित्वों को निभाते हैं ।
अपने अध्यक्षीय भाषण में सचिव, राजभाषा विभाग डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि वैश्वीकरण के दौर में हिंदी के भविष्य को लेकर चिंता के स्वर सर्वत्र सुनाई पड़ रहे हैं, मगर इस संबंध में किसी चिंता या परेशानी की जरूरत नहीं है । जब तक भारतीय संस्कृति का अस्तित्व रहेगा, तब तक हिंदी और भारतीय भाषाएँ जिंदा रहेंगी । आज विदेशी मुल्क हमारे देश की ओर आकर्षित हो रहे हैं । बहु-राष्ट्रीय कंपनियों के लिए भारत बहुत बड़ा बाजार है । ग्रामीण जनता के साथ उनकी भाषा में बातचीत करने में ही इन कंपनियों की सफलता निर्भर करेगी । इस आलोक में भारतीय भाषाओं का भविष्य उज्जवल है ।
केंद्रीय विद्यालय की नन्हीं छात्राओं द्वारा भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । राजभाषा विभाग के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार जी की अध्यक्षता में संपन्न उद्घाटन सत्र में राजभाषा विभाग के संयुक्त सचिव श्री डी.के. पांडेय जी ने स्वागत भाषण दिया । जिपमेर के निदेशक डॉ. के.एस.वी.के. सुब्बाराव जी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित किया । दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में राजभाषा कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति रिपोर्ट डॉ. वी. बालकृष्णन, उप निदेशक (कार्यान्वयन) ने प्रस्तुत की । अंत में केंद्रीय विद्यालय, पुदुच्चेरी के छात्र-छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की ।
द्वितीय सत्र की अध्यक्षता राजभाषा विभाग के सचिव डॉ. प्रदीप कुमार जी ने किया । विचार-विमार्श पर केंद्रित इस सत्र में डॉ. बालशौरि रेड्डी जी ने तमिलनाडु में हिंदी के उद्भव और विकास पर तथा डॉ. एम.के. श्रीवास्तव, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (वि.प्र.), ने भाषा, संस्कृति, समाज और स्वास्थ्य – एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर व्याख्यान दिए । इसी सत्र में दक्षिण क्षेत्र में राजभाषा कार्यान्वयन की रिपोर्ट डॉ. विश्वनाथ झा, उप निदेशक (कार्यान्वयन) ने प्रस्तुत की । अंत में डॉ. वी. बालकृष्णन, उप निदेशक (कार्यान्वयन) के धन्यवाद ज्ञापन के साथ सम्मेलन सुसंपन्न हुआ ।
दि.9 अक्तूबर, 2009 को पुदुच्चेरी में क्षेत्रीय राजभाषा सम्मेलन के अवसर पर माननीय गृह राज्य मंत्री, श्री अजय माकन जी के करकमलों से राजभाषा पुरस्कार (वर्ष 2008-09) प्राप्त करनेवाले कार्यालयों की सूची इस प्रकार है ।
दक्षिण क्षेत्र (आंध्र प्रदेश एवं कर्नाटक)
सरकारी कार्यालय वर्ग
राष्ट्रीय रेशमकीट बीच संगठन, बैंगलूर – प्रथम
कुक्कुट परियोजना निदेशालय, हैदराबाद – द्वितीय
मुख्य नियंत्रण सुविधा, अंतरिक्ष विभाग, हासन – तृतीय
उपक्रम
भारतीय कपास निगम लिमिटेड, शाखा कार्यालय, आदिलाबाद – प्रथम
प्रतिभूति मुद्रणालय, हैदराबाद – द्वितीय
भारत संचार निगम लि., विजयवाडा – तृतीय
बैंक
कार्पोरेशन बैंक, आंचलिक कार्यालय, हुबली – प्रथम
कार्पेरेशन बैंक, आंचलिक कार्यालय, उडुपि – द्वितीय
भारतीय स्टेट बैंक, स्थानीय प्रधान कार्यालय, हैदराबाद – तृतीय
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति
भद्रावती-शिमोगा (सरकार कार्यालय) – प्रथम
हैदराबाद (बैंक) – द्वितीय
बैंगलूर (कार्यालय) – तृतीय
दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र (तमिलनाडु, केरल, पांडिच्चेरी एवं लक्ष्यद्वीप केंद्रशासी प्रदेश)
सरकारी कार्यालय
मुख्य आयकर आयुक्त का कार्यालय, तिरुवनंतपुरम – प्रथम
राष्ट्रीय कैडेट कोर निदेशालय, केरल और लक्षद्वीप, तिरुवनंतपुरम – प्रथम
मुख्य आयकर आयुक्त का कार्यालय, कोचिन – तृतीय
उपक्रम
प्रधान महाप्रबंधक, भारत संचार निगम लिमिटेड, कोलिक्केड – प्रथम
हिंदुस्तान न्यूजप्रिंट लिमिटेड, कोट्टयम - द्वितीय
हिंदुस्तान इन्सेक्टिसाइड्स लिमिटेड, कोचिन – तृतीय
बैक
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, क्षेत्रीय कार्यालय, एरणाकुलम – प्रथम
सिंडिकेट बैंक, क्षेत्रीय कार्यालय, कोयंबत्तूर – द्वितीय
कार्पोरेशन बैंक, अंचल कार्यालय, कोचिन – तृतीय
नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति
कालीकट (कार्यालय) – प्रथम
चेन्नै (बैंक) – द्वितीय
पुदुच्ची (कार्यालय) – तृतीय

प्रस्तुति – डॉ. सी. जय शंकर बाबु, संपादक, युग मानस

Friday, September 25, 2009

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन, इरूगुर इन्स्टलेशन में हिंदी पखवाड़ा संपन्न

हिंदुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन, इरूगुर इन्स्टलेशन में हिंदी पखवाड़ा २००९ का आयोजन सितंबर १ से १५ तक किया गया । हिंदी पखवाड़ा का उद्घाटन डिपो प्रबंधक श्री एस वी वेंकटेश कुमारजी ने किया । पखवाड़े का आयोजन करने का उद्देश्य कार्यालय में राजभाषा कार्य कैसे करते हैं , क्या करना हैं , प्रदान कार्यालय द्वारा घोषित हिंदी कार्य करने पर दिये जाने वाले प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में उन्होंने सदस्यों को सूचना दी ।

सभा का स्वागत श्री अर्जुन बाबु ने किया और श्री के एस बैजू , हिंदी समन्वयक ने धन्यवाद अदा किया ।
पखवाड़ा के दौरान आयोजित प्रस्नोत्तरी प्रतियोगिता तथा मूकाभिनय प्रतियोगिता में सभी स्टाफ सदस्यों ने भाग लिया । समापन सभा में विजेताओं को पुरस्कार दिया और प्रतियोगिता में भाग लिये सदस्यों को प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान किया गया ।

Sunday, September 13, 2009

हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ

हिंदी दिवस का संकल्प

भारतीय संस्कृति एवं विरासत की रक्षा तथा भारत की सार्थक उन्नति के लिए संकल्पबद्ध भारतीय संविधान की मूलभावना भारतीय भाषाओं की श्रीवृद्धि के पक्ष में है । आइए आज हम संकल्प करें भारतीय भाषाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध होने का, भारतीय भाषाओं का निष्ठापूर्वक प्रयोग, प्रचार एवं प्रसार करने का । हमारे प्रयासों से जनमानस की भाषाएं विकसित हो, भारत की एकता एवं अखंडता बनी रहे ।

Wednesday, September 2, 2009

नराकास, कोयंबत्तूर की सूचना-प्रौद्योगिकी कार्यशाला सुसंपन्न

कार्यशाला उद्घाटन सत्र को अध्यक्ष एवं प्रतिभागियों का स्वगत करते हुए सदस्य-सचिव डॉ. बाबु



कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर दीप प्रज्वलन करते हुए अध्यक्ष नराकास श्री बी.एस.वी. शर्मा



कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर दीप प्रज्वलन करते हुए नराकास के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु


प्रतिभागियों को अध्यक्ष महोदय का संबोधन


प्रतिभागी

प्रतिभागी

समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री सी.एन. रवींद्रनाथ जी


सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशाला सुसंपन्न

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर के सदस्य कार्यालयों के पदधारियों के प्रशिक्षण हेतु आयोजित सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशाला का आज दि. 2 सितंबर, 2009 की सुबह 10 बजे शुभारंभ हुआ । भारत संचार निगम लिमिटेड के साई बाबा कालोनी स्थित सम्मेलन कक्ष में श्री बी.एस.वी. शर्मा, अध्यक्ष, नराकास, कोयंबत्तूर एवं क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ औपचारिक उद्घाटन किया गया । उद्घाटन कार्यक्रम में समिति के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने अतिथियों का स्वागत किया एवं कार्यशाला की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला । श्री शर्मा जी ने अपने वक्तव्य में कहा आज सूचना प्रद्योगिकी का इतना विकास हो चुका है कि वह हमारे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है । हिंदी भाषा के लिए यूनिकोड का प्रयोग करते हुए हम राजभाषा कार्यान्वयन की दिशा में भी प्रगति हासिल कर सकते हैं । ई-मेल, वेबसाइट आदि के लिए भी हिंदी का प्रयोग आज बहुत आसान है । ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से सीखने सुअवसर जो प्राप्त होता है, उसका सदुपयोग करें तथा राजभाषा के विकास में अपना योगदान दें ।
समिति के सदस्य-सचिव डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने अपने वक्तव्य में कहा कि कंप्यूटर एवं इंटरनेट के क्षेत्र में भारतीय भाषाओं का विकास हुआ है । भाषाई कंप्यूटिंग के लिए कई साधन आन-लाइन एवं ऑफ-लाइन में भी उपलब्ध हैं । ऐसे साधनों की जानकारी एवं प्रयोग की चेतना बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यशाला में प्रतिभागी यूनिकोड का प्रयोग एवं अनुवाद औजारों के इस्तेमाल का कौशल हासिल कर सकते हैं ।
इस कार्यशाला में कुल अठारह पदधारियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया । भाषाई कंप्यूटिंग के लिए उपलब्ध संसाधनों तथा यूनिकोड प्रयोग के महत्व के संबंध में डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने तथा डाटाबेसेज के संबंध में श्री संदीप कुमार ने पवरपाइंट प्रस्तुति के माध्यम से व्याख्यान दिए । समापन सत्र में श्री सी.ए. रवींद्रनाथ, संयुक्त निदेशक, कर्मचारी राज्य बीमा निगम, कोयंबत्तूर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे । उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी सीखना बहुत आसान है । सूचना प्रौद्योगिकी का जो ज्ञान हिंदी कार्यशाला में अर्जित किया है, उसका सदुपयोग करते हुए राजभाषा कार्यान्वयन में विशिष्ट प्रगति हासिल की जा सकती है । प्रतिभागियों की प्रतिक्रियाओं एवं प्रमाणपत्र वितरण एवं राष्ट्रगान के आलाप के साथ ही कार्यशाला सुसंपन्न हुई ।

सलीम अली पक्षि-विज्ञान एवं प्राकृतिक विज्ञान केंद्र, कोयंबत्तूर में राजभाषा कार्यान्वयन के बढ़ते कदम



हर दिन एक हिंदी शब्द सीखें

LEARN A HINDI WORD A DAY


राजभाषा कार्यान्वयन के संबंध में महामहिम राष्ट्रपति के आदेशों के अनुपालन में सलीम अली पक्षि-विज्ञान एवं प्राकृतिक विज्ञान केंद्र, कोयंबत्तूर ने प्रभारी निदेशक डॉ. पी.ए. अजीज ने दि.२.९.२००९ को हर दिन एक हिंदी शब्द सीखें प्रशिक्षण बोर्ड का शुभारंभ किया । इस बोर्ड का प्रदर्शन केंद्र के स्वगत कक्ष में स्टॉफ सदस्यों, अध्येताओं तथा आगंतुकों के लिए हर दिन आसानी से हिंदी के शब्द सीखने हेतु किया गया है ।
In compliance of Presidential Order on implementation of Official Language, Dr. P.A. Azeez, Director in charge has inaugurated the “LEARN A HINDI WORD A DAY” training board on 02.09.2009. The board is displayed at the Reception for easy learning of Hindi words on daily use by all staff and scholars of SACON and visitors.

Wednesday, August 26, 2009

वार्तालाप प्रतियोगिता के परिणाम

दि.26.8.2009 को वस्त्र आयुक्त के क्षेत्रीय कार्यालय में वार्तालाप प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । प्रतियोगिता में विभिन्न कार्यालयों के प्रतिभागियों ने भागीदारी ली । प्रतियोगिता के परिणाम इस प्रकार हैं –

प्रथम पुरस्कार –
द्वितीय पुरस्कार –
तृतीय पुरस्कार –
सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन एवं विजेताओं को बधाइयाँ ।

Tuesday, August 25, 2009

नराकास, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक सुसंपन्न
















नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक आज दि.25.8.2009 को दुपहर 2.30 से 6 बजे तक भारत संचार निगम लिमिटेड के सभा गृह में सुसंपन्न हुई । ( बैठक के मुख्य बिंदु शीघ्र ही यहाँ प्रकाशित होंगे ।)

अंत्याक्षरी प्रतियोगिता के परिणाम

आज दि.25.8.2009 को भारत संचार निगम लिमिटेड में नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की ओर से अंत्याक्षरी प्रतियोगिता सुसंपन्न हुई । प्रतियोगिता में विजेताओं की सूची इस प्रकार हैं ।

प्रथम पुरस्कार -

द्वितीय पुरस्कार -

तृतीय पुरस्कार -

सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन और विजेताओं को बधाइयाँ ।

Monday, August 24, 2009

प्रतियोगिताओं के आयोजन के साथ नराकास राजभाषा पखवाड़ा का शुभारंभ

राजभाषा पखवाड़ा का शुभारंभ


समाचार वाचन प्रतियोगिता के आयोजन के अवसर पर श्री के.पी. लक्ष्मणन, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक, श्री कृष्ण कुमार श्री, क्षेत्रीय प्रबंधक, श्री सूर्य प्रकाश, प्रशासनिक अधिकारी

समाचार वाचन प्रतियोगिता के प्रतिभागियों को भेंट प्रदान करते श्री के.पी. लक्ष्मणन, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक


नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की ओर से दि.24 अगस्त, 2009 से 9 सितंबर, 2009 तक राजभाषा पखवाड़ा के आयोजन के क्रम में राजभाषा प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से 14 प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं । सर्वप्रथम हिंदी समाचार वाचन प्रतियोगिता का शुभारंभ युनाइटेड इंडिया इंश्यूरेंस कंपनी लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय में आज दि.24 अगस्त को कंपनी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक श्री के. पी. लक्ष्मणन के द्वारा किया गया । प्रतियोगिता के उद्घाटन के अवसर पर श्री लक्ष्मणन जी ने कहा कि राजभाषा के रूप में हिंदी का विकास हमारी प्रगति का सूचक है । उद्घाटन कार्यक्रम में कंपनी के प्रदेशिक प्रबंधक श्री कृष्ण कुमार श्री जी भी उपस्थित थे । प्रतियोगिता का संयोजन श्री सूर्य प्रकाश, प्रशासनिक अधिकारी ने किया ।
समाचार वाचन प्रतियोगिता में नराकास, कोयंबत्तूर के सदस्य-कार्यालयों के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी ली । सभी प्रतिभागियों तथा विजेताओं को कंपनी की ओर से छोटे से भेंट भी दिए गए ।
समाचार वाचन प्रतियोगिता के परिणाम
प्रथण पुरस्कार – श्रीमती कांता वी. प्रभु, प्रधान डाक घर, कोयंबत्तूर
द्वितीय पुरस्कार – श्री राजदीप कौशिक, केंद्रीय विद्यालय, मीना एस्टेट, कोयंबत्तूर
तृतीय पुरस्कार – श्रीमती रोसलीन ग्नानदीपम, केंद्रीय विद्यालय, मीना एस्टेट, कोयंबत्तूर
सभी प्रतिभागियों का अभिनंदन एवं सभी विजेताओं को बधाइयाँ

Thursday, August 20, 2009

महत्वपूर्ण सूचना / IMPORTANT NOTICE

हिंदी प्रतियोगिताएँ - 2009 परिपत्र का शुद्धि-पत्र
Corrigendum for the Circular of Hindi Competitions – 2009


नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की ओर से आयोजित होने वाली हिंदी प्रतियोगिताओं के संबंध में दि.17.8.2009 को जारी परिपत्र में निम्नवत संशोधन किया गया है:-

क्रम सं.9 में दि. 31.8.2009 को नेशनल टैक्सटाइल कार्पोरेशन में आयोजित होनेवाली प्रशासनिक शब्दावली प्रतियोगिता सुबह 10 बजे के बदले दुपहर 2 बजे आयोजित होगी ।


क्रम सं.12 में दि.8.9.2009 को केंद्रीय कपास अनुसंधान संस्थान में दुपहर दो बजे आयोजित होनेवाली गायन प्रतियोगिता महिलाओं के लिए (पुरुषों के लिए नहीं) निर्धारित है ।


The following amendments are made in the Circular dt।17.8.2009 regarding the Hindi Competitions to be held by the Town Official Language Implementation Committee:-


Sl.No.9, Administrative Glossary Competition at National Textile Corporation Ltd., will be held on 31.8.2009 at 2 pm instead of 10 am.


Sl.No.12, Singing Competition at Central Institute of Cotton Research to be held at 2 pm on 8.9.2009 is meant for ladies (Not for Gents)


असुविधा के लिए खेद है । Inconvenience caused is deeply regretted।

संशोधित परिपत्र देखने के लिए यहाँ क्लिक कीजिए ।

Please Click here to view the Revised Circular

Wednesday, August 19, 2009

'कंप्यूटर और हिंदी' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला

दि.२३ व २४ सितंबर, २००९ को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की में कंप्यूटर और हिंदी विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है ।
अधिक जानकारी के लिए कृपया यहाँ क्लिक कीजिए

Tuesday, August 18, 2009

नराकास, कोयंबत्तूर द्वारा दि. 2-9-2009 को हिंदी सूचना प्रौद्योगिकी कार्यशाला का आयोजन

TOLIC Hindi Information Technology Workshop on 2-9-2009

न.रा.का.स., कोयंबत्तूर द्वारा हिंदी प्रतियोगिताओं का आयोजन


हिंदी पखवाड़ा - 2009
हिंदी प्रतियोगताएँ

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर की अर्द्ध-वार्षिक बैठक

Half-Yearly Meeting of the Town Official Language Implementation Committee, Coimbatore

नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति की अगली अर्द्ध-वार्षिक बैठक दिनांक 25-8-2009 को अपराह्न 2:30 बजे कम्यूनिटी हाल, बी।एस.एन.एल. स्टॉफ क्वार्टर्स (पी.एंड टी. क्वार्टर्स), एन.एस.आर. रोड, साई बाबा कालोनी, कोयंबत्तूर-641011 (दूरभाष/Phone:2432466, 2443700) में आयोजित की जाएगी। भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग द्वारा जारी निदेशों के अनुपालन में कार्यालय प्रधान का बैठक में उपस्थित होना अनिवार्य है।

Half-Yearly meeting of the TOLIC, Coimbatore will be convened on 25-8-2009 at 2:30 p.m. at the Community Hall, BSNL Staff Quarters (P & T Quarters), NSR Road, Sai Baba Colony, Coimbatore - 641 011 (Ph. No: 2432466, 2443700). In compliance with the directions issued by the Govt. of India, Ministry of Home Affairs, Dept. of Official Language, the Head of the Office has to attend the meeting. Hence it is requested kindly to attend the above said meeting without fail.

Thursday, June 11, 2009

जलवायु परिवर्तन एवं उसके प्रभाव पर एक दिवसीय संगोष्ठी 10 जुलाई, 2009 को

जलवायु परिवर्तन एवं उसके प्रभाव पर एक दिवसीय संगोष्ठी
10 जुलाई, 2009

ONE DAY SEMINAR ON CLIMATE CHANGE AND ITS IMPACT
10 JULY, 2009


जलवायु परिवर्तन उन अत्यंत गंभीर चुनौतियों में से एक है, जिनका राष्ट्र आज सामना कर रहा है । जलवायु परिवर्तन का पारिस्थितिकी, जैव विविधता, कृषि, प्राकृतिक संसाधन एवं स्वास्थ्य आदि विषयों पर गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना है, जिससे देश की सामाजिक आर्थिक प्रगति प्रभावित होगी । जलवायु परिवर्तन की भविष्यवाणियां अत्यंत गंभीर है । ऐसा अनुमान है कि सदी के अंत तक तापमान 2-2.40 डिग्री तक बढ़ जाएगा। समुद्र का जलस्तर भी 0.18 से 0.59 मीटर तक बढ़ने की संभावना है, जिससे निम्न स्तरीय भू-भाग जलमग्न हो जाएंगे। वर्षण के प्रारूप में भी बदलाव आएगा, जिससे कुछ क्षेत्रों को कम व कुछ को भारी वर्ष की घटनाओं का सामना करना पड़ेगा । जलवायु परिवर्तन के कारण विषम जलवायुवीय घटनाएं जैसे हिमखंडों का पिघलना, सूखा पड़ना, भारी वर्षा, बाढ़, अत्यधिक गर्मी, गर्म लहरें, उष्ण चक्रवात आदि घटनाएं लोगों के रहन-सहन एवं जीविका पर गंभीर प्रभाव डाल सकती हैं । वास्तव में जलवायु परिवर्तन के उपरोक्त प्रभावों को एक साथ नहीं रोका जा सकता, इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि ऐसी योजनाएं बनाई जाएं जिससे वैश्विक तापमान वृध्दि एवं जलवायु परिवर्तन को प्रभावित करने वाले कारकों को कम किया जा सके एवं जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न होने वाले संभावित खतरों को कम करने के लिए उपयुक्त कदम उठाएं जा सके । वैश्विक एवं राष्ट्रीय स्तर पर जलवायु परिवर्तन को समझने एवं इसके दीर्घ व स्थायी तौर पर प्रबंध करने के लिए शुरूआत की जा चुकी है । 30 जून 2008 को जारी की गई जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय क्रियात्मक कार्य योजना (NAPCC) जलवायु परिवर्तन के कारण पैदा हुई चुनौतियों से निपटारे के लिए राष्ट्र की एक पहली प्रतिक्रिया है।
गन्ना प्रजनन संस्थान जलवायु परिवर्तन के प्रभाव एवं प्रबंधन विषय पर 10 जुलाई 2009 को एक दिवसीय संगोष्ठी आयोजित कर रहा है । संगोष्ठी का आयोजन नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति (न.रा.का.स), कोयंबत्तूर के सहयोग से किया जा रहा है । संगोष्ठी का उद्देश्य हिस्साधारकों (स्टेकहोल्डरों) एवं जनता को जलवायु परिवर्तन के विषय के प्रति जागृत करने के अलावा वैज्ञानिक संप्रेषणों को हिंदी भाषा में लिखने को बढ़ावा देना भी है । आयोजन समिति कोयंबत्तूर एवं इसके आसपास के सभी अनुसंधान एवं शैक्षणिक संस्थानों का संगोष्ठी में भाग लेने का आग्रह करती है ।
आलेख को जमा करना
उपर्युक्त विषय पर हिंदी में लिखित ए-4 कागज पर छपित आलेख 30 जून, 2009 तक जमा किया जा सकता है । आलेख हिंदी में लिखें । जहाँ कही पर भी तकनीकी शब्द प्रयुक्त करें, उसका कोष्ठक में अंग्रेजी शब्द भी लिख दें । आलेख में शीर्षक, लेखक का नाम व पता, लेख का भाव (abstract) (200 शब्दों से अधिक न हो) परिचय, मुख्य विषय, निष्कर्ष एवं संदर्भ सूची (references) क्रमबध्द होने चाहिए । एक साफ्टकॉपी (soft copy) एम,एस. वर्ड (M.S. Word) में कृति देव फोंट में भी लेख के साथ जमा की जानी चाहिए । प्रत्येक लेखक को पावर प्वाइंट प्रस्तुतीकरण के लिए 15 मिनिट का समय दिया जाएगा, व इसके बाद विचार विमर्श भी होगा ।
पंजीकरण
सहभागियों से अनुरोध है कि वे अपना पंजीकरण, संलगित फार्म को पूरा भरकर रु.200 के पंजीकरण शुल्क के साथ संयोजक को आयोजन दिवस 10.07.2009 से पहले या आयोजन दिवस के मौके पर उपलब्ध कराएं । पंजीकरण शुल्क की राशि रु.200 मांग पत्र (डिमांड ड्राफ्ट) के रूप में, निदेषक, गन्ना प्रजनन संस्थान के नाम, कोयंबत्तूर में देय (payable) होनी चाहिए ।
आयोजन स्थल - सभागार हाल, गन्ना प्रजनन संस्थान, वीरकेलम, कोयंबत्तूर – 641 007
अध्यक्ष
डॉ. एन. विजयन नायर, निदेशक
गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयम्बत्तूर - 7
संयोजक
डॉ. सी. गुप्ता, संयोजक, वरिष्ठ वैज्ञानिक (शस्य विज्ञान)
सह संयोजक
डॉ. आर. जयन्ती,
डॉ. जे श्रीकान्त,
डॉ. रजुला शांति,
डॉ. रवीन्द्र कुमार

सह आयोजक
श्री. बी.एस.वी. शर्मा, अध्यक्ष, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति,
एवं क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त, कोयंबत्तूर
डॉ. सी. जय शंकर बाबु, सदस्य सचिव, न.रा.का.स.
एवं सहायक निदेशक (राजभाषा), कोयंबत्तूर

आयोजन समिति
डॉ. एन.विजयन नायर, निदेशक, अध्यक्ष
डॉ. पी. पदमनाभन, प्रमुख, सुरक्षा अनुभाग
डॉ. एम.एन. प्रमेचन्द्रन, फसल सुधार अनुभाग
डॉ. पी. राक्कियप्पन, फसल उत्पादन अनुभाग
डॉ. आर. नागराजन
डॉ. पी गोपालसुन्दरम
डॉ. एन. प्रकाशम
डॉ. के. हरि
डॉ. पी. गोविन्दराज
डॉ. सी. शंकरनारायण
डा. बी. सिंगारवेलू
डॉ. ए. अन्नादुरै
वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी
श्री. के. के. हम्जा
श्री. एडविन देव कुमार
पत्राचार - संगोष्ठी के विषय में सभी पत्राचार निम्न पते पर भेजे जाने चाहिए ।
1. डॉ. सी. गुप्ता, संयोजक, वरिष्ठ वैज्ञानिक (शस्य विज्ञान) गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयंबत्तूर - 641007 ई.मेल.- cgupta2006@gmail.com, sugaris@vsnl.com
फैक्स: 0422-2472923
फोन:0422-2472621Ext228 2. 2. श्रीमती एस. महेश्वरी, हिंदी अनुवादक
हिंदी प्रकोष्ठ, गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयंबत्तूर - 641007 मोबाईल नं. 98433 51266

Saturday, April 4, 2009

कोडैकेनाल में भारतीय खाद्य निगम की क्षेत्रीय हिंदी कार्यशाला आयोजित








हिंदी मीठी भाषा है, हिंदी बोलना और पढ़ना भी आसान है - चिन्न कुलंदै




भारतीय खाद्य निगम, चेन्नई अंचल की ओर से कोडैकेनाल में आज दि.4 अप्रैल, 2009 को क्षेत्रीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया । राजभाषा अधिकारी डॉ. वी. एलुमलै, सहायक महाप्रबंधक ने सभी का स्वागत किया । कार्यशाला का उद्घाटन श्री पी. चिन्न कुलंदै, उप महाप्रबंधक (तना) ने किया । उन्होंने अपने उद्घाटन भाषाण में प्रतिभागियों को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रेरित करते हुए कहा कि हिंदी मीठी भाषा है, हिंदी बोलना और पढ़ना भी आसान है । हिंदी गीत सुनते तथा टी.वी. कार्यक्रम देखते हुए जहाँ हिंदी का मौखिक ज्ञान बढ़ा सकते हैं, वही दफ़्तर की फाइलों में छोटी-छोटी टिप्पणियों से शुरू करके हिंदी का प्रयोग शुरू करने से राजभाषा हिंदी में पूरी कुशलता हासिल की जा सकती है । उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सी. जय शंकर बाबु, सदस्य सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर एवं सहायक निदेशक (राजभाषा), कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, कोयंबत्तूर ने कहा कि हिंदी भारत सरकार की राजभाषा है, सरकारी कामकाज में इसका प्रयोग करना हमारा नैतिक दायित्व है । आज सारकारी कामकाज में कंप्यूटरों का प्रयोग बढ़ने के कारण हमें अब यह ज़रूरी है कि राजभाषा कार्यान्वयन कार्य में भी कंप्यूटरों का प्रयोग बढ़ाएं । यूनिकोड के विकास ने आज ई-मेल, वेबसाइट आदि में हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं का प्रयोग सुगम बनाया है । भाषाई अनुप्रयोगों के लिए उपलब्ध सुविधाओं तथा साधनों का उपयोग करते हुए हम राजभाषा कार्यान्वयन का दायित्व भी आसानी से पूरा कर सकते हैं । डॉ. वी. एलुमलै ने हिंदी कार्यशाला के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी कार्यशाला पुनश्चर्या कार्यक्रम के रूप में पदधारियों का हिंदी ज्ञान बढ़ाने के लिए आयोजित किया गया है । प्रथम सत्र में डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने राजभाषा संबंधी संवैधानिक प्रावधान, टिप्पण एवं आलेखन, सरल व मानक हिंदी प्रयोग के संबंध में पवरपाइंट प्रस्तुति के साथ व्याख्यान दिया एवं प्रतिभागियों से टिप्पण एवं आलेखन का समुचित अभ्यास करवाया । दूसरे सत्र में डॉ. वी. एलुमलै ने राजभाषा के प्रभावी कार्यान्वयन एवं प्रयोग, भारतीय खाद्य निगम में हिंदी की प्रोत्साहन योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया । तीसरे सत्र में डॉ. सी. जय शंकर बाबु ने कंप्यूटर पर हिंदी तथा अन्य भारतीय भाषाओं के लिए यूनिकोड के प्रयोग के संबंध में पवर पाइंट प्रस्तुती के साथ व्याख्यान दिया ।
कार्यशाला में तमिलनाडु क्षेत्र के विभिन्न जिला कार्यालयों, डिपो कार्यालयों तथा गोदामों से पधारे अधिकारी उपस्थित हुए ।

Friday, March 27, 2009

राष्ष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम में हिंदी कार्यशाला संपन्न



राष्ष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम लिमिटेड, क्षेत्रीय कार्यालय, कोयंबत्तूर में दि.25 मार्च, 2009 को हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया । कार्यालय के समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी इस कार्यशाला में उपस्थित हुए । श्री. संजय खरे, उप प्रबन्धक (वि. एवं लेखा) ने प्रतिभागियों का स्वागत किया । तदवसर पर उन्होंने कहा कि निगम के कोयंबत्तूर क्षेत्रीय कार्यालय में अधिकांश कार्य हिंदी में ही किया जाता है और स्टॉफ सदस्य वार्तालाप भी हिंदी में ही करते हैं । क्षेत्रीय कार्यालय के प्रभारी श्री एस. मलिक, वरिष्ठ प्रबंधक (वाणिज्य) ने कार्यशाला का उद्घाटन किया । अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने राजभाषा हिंदी के कार्यान्वयन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे अपने दैनिक कामकाज में हिंदी को अपनाएं ।
इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि एवं व्याख्याता के रूप में उपस्थित डॉ. सी. जयशंकर बाबु, सदस्य-सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर ने भाषाई कंप्यूटिंग के लिए उपलब्ध संसाधनों के संबंध में पवर पाइंट प्रस्तुति के साथ व्याख्यान दिया । यूनिकोड का इस्तेमाल करते हुए ई-मेल, वेब साइट आदि में हिंदी के प्रयोग करने के संबंध में अत्यंत सुलभशैली में जानकारी दी तथा इन्स्क्रिप्ट की-बोर्ड का प्रयोग करते हुए आसानी के साथ हिन्दी व अन्य भारतीय भाषाओं में टंकण करने का प्रशिक्षण भी दिया। मशीनी अनुवाद के प्रयोग के संबंध में भी उन्होंने विस्तार से प्रकाश डाला ।
वरिष्ठ प्रबंधक-वाणिज्य श्री. एस. मलिक एवं उप प्रबंधक-वि. एवं लेखा ने हिंदी में पत्र लेखन तथा टिप्पणी लेखन की प्रगति का विवरण प्रस्तुत किया तथा मुख्य अतिथि को धन्यवाद देते हुए कार्यशाला का समापन किया। राजभाषा को प्रोत्साहन देने हेतु हिंदी वाक्यांश के लिये शब्द ज्ञान प्रतियोगिता में क्षेत्रीय कार्यालय के सभी कर्मचारियों ने सहर्ष भाग लिया। वरिष्ठ प्रबंधक -वाणिज्य, क्षेत्रीय कार्यालय, कोयंबत्तूर द्वारा उपस्थित सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को अधिक से अधिक यूनिकोड के माध्यम से हिंदी में अभ्यास करने के लिए कहा एवं हिंदी में किये गए कार्यों की सराहना की।

Tuesday, March 24, 2009

ओरिएंटल इंश्योरेंस कं.लि. में हिंदी कार्यशाला आयोजित

ओरिएंटल इंश्योरेंस कं.लि. में हिंदी कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर सभी स्वगत करते हुए श्री प्रवीण कुमार, (बाएं से) डॉ. एम.के.एस. नायुडु, डॉ. सी.ए. मनोरंजन, डॉ. सी. जय शंकर बाबु, डॉ. एम. जानसन, श्री गौतम कुमार मीणा दर्शित हैं ।

ओरिएंटल इंश्योरेंस कं.लि. में हिंदी कंप्यूटिंग पर व्याख्यान देते हुए डॉ. सी. जय शंकर बाबु



ओरिएंटल इंश्योरेंस कं.लि., क्षेत्रीय कार्यालय, कोयंबत्तूर में आज दि.24 मार्च, 2009 को हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया । राजभाषा अधिकारी श्री प्रवीण कुमार ने सभी का स्वागत किया । कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए डॉ. सी.ए. मनोरंजन, मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक ने प्रतिभागियों को हिंदी में कार्य करने हेतु प्रेरित किया । उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सी. जय शंकर बाबु, सदस्य सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर ने कहा कि आज राजभाषा कार्यान्वयन कार्य में भी कंप्यूटरों के प्रयोग की ज़रूरत है । यूनिकोड के विकास के कारण हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं का प्रयोग ई-मेल, वेब साइट तथा अन्य वेब अनुप्रयोगों के अब तमाम दिक्कतें समाप्त हो चुकी हैं । उद्घाटन के अवसर पर क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. एम.के.एस. नायुडु तथा डॉ. एम. जानसन ने भी हिंदी के महत्व पर प्रकाश डाला एवं सरकारी कामकाज में हिंदी को अपनाने के लिए सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों से अनुरोध किया । कोचिन क्षेत्रीय कार्यालय के राजभाषा अधिकारी श्री गौतम कुमार मीणा ने हिंदी से संबंधित विभागीय प्रोत्साहन योजनाओं पर प्रकाश डाला ।
प्रथम सत्र में कंप्यूटर पर भाषाई अनुप्रयोगों के लिए उपलब्ध संसाधनों के संबंध में डॉ. सी. जय शंकर बाबु, सदस्य सचिव, नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कोयंबत्तूर ने पवर पाइंट प्रस्तुती के साथ व्याख्यान दिया तथा कंप्यूटर पर हिंदी तथा अन्य सभी भारतीय भाषाओं के प्रयोग के लिए यूनिकोड के उपयोग के संबंध में अपेक्षित प्रशिक्षण दिया । कई भाषाओं में कंप्यूटर में शब्द-संसाधन हेतु आवश्यक तकनीकों की जानकारी भी उन्होंने दिया ।
द्वितीय सत्र में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के सहायक निदेशक (राजभाषा) तथा युनाइटेड इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के हिंदी अधिकारी श्री ए. सूर्य प्रकाश ने हिंदी प्रयोग के संबंध में व्याख्यान दिए । इस कार्यशाला का संयोजन ओरिएंटल इंश्योरेंस कं.लि., क्षेत्रीय कार्यालय के राजभाषा अधिकारी श्री प्रवीण कुमार ने किया ।